प्रसव के दौरान बच्चे को इतनी जोर से खींचा कि दो हिस्से हो गए, सिर कोख में ही रह गया
प्रसव के दौरान डॉक्टरों ने बच्चे को इतनी जोर से खींचा कि उसका शरीर दो हिस्सों में बंट गया. धड़ बाहर आ गया और सिर गर्भ में ही रह गया
News18Hindi
Updated: January 10, 2019, 11:20 AM IST
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Updated: January 10, 2019, 11:20 AM IST
यह दिल दहला देने वाली घटना राजस्थान के रामगढ़ की है. जैसलमेर के रामगढ़ में एक महिला दीक्षा कंवर डिलिवरी के लिए सरकारी अस्पताल में एडमिट हुई थी. वहां डिलिवरी के दौरान चिकित्साकर्मियों ने बच्चे को इतनी जोर से खींचा कि उसका शरीर दो टुकड़ों में बंट गया. धड़ तो बाहर आ गया, लेकिन उसका सिर गर्भ में ही रह गया.
अस्पताल ने शुरू में इस पर बिलकुल चुप्पी साध ली. उस महिला और उसके परिजनों को घटना के बारे में कुछ भी नहीं बताया. जब अस्पताल में महिला की हालत बिगड़ने लगी तो उसे जोधपुर रिफर कर दिया गया. जोधपुर के अस्पताल में डॉक्टरों को काफी कोशिशों के बाद भी समझ नहीं आया कि हुआ क्या है. आखिर जब डिलिवरी हुई तो डॉक्टर यह देखकर हैरान रह गए कि बच्चे का सिर्फ धड़ बाहर आया था. बाकी सिर गायब था.
अस्पताल के डॉक्टर और परिजन दोनों हैरान थे. जब जोधपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने रामगढ़ के चिकित्सा प्रभारी डॉ. निखिल शर्मा से इस बारे में बात की तो उनका कहना था कि बच्चा पहले से ही पेट में मृत था. प्रसव में दिक्कत आ रही थी. बच्चे के सिर्फ पैर बाहर आ रहे थे. चूंकि छोटे अस्पताल में सारी सुविधाएं मौजूद नहीं थीं, इसलिए महिला को जोधपुर रिफर कर दिया गया.
हालांकि जोधपुर में जो मंजर डॉक्टरों ने देखा, इस बात पर यकीन करना नामुमकिन था. अस्पताल ने तो बच्चे का सिर परिजनों को सौंप दिया, लेकिन परिजन उसे लेकर पुलिस के पास चले गए. जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पहले अस्पताल टालमटोल करता रहा. लेकिन पुलिस के बड़ा रुख अपनाने पर आखिरकार उन्होंने बच्चे का धड़ पुलिस को सौंप दिया. इसके बाद पुलिस ने चिकित्साकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि बच्चे के शरीर के दोनों हिस्सों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है.इस घटना ने लोगों को दहला दिया है और एक बार फिर पूरे चिकित्सा जगत की असंवेदनशीलता और लापरवाही सामने आई है.
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अस्पताल ने शुरू में इस पर बिलकुल चुप्पी साध ली. उस महिला और उसके परिजनों को घटना के बारे में कुछ भी नहीं बताया. जब अस्पताल में महिला की हालत बिगड़ने लगी तो उसे जोधपुर रिफर कर दिया गया. जोधपुर के अस्पताल में डॉक्टरों को काफी कोशिशों के बाद भी समझ नहीं आया कि हुआ क्या है. आखिर जब डिलिवरी हुई तो डॉक्टर यह देखकर हैरान रह गए कि बच्चे का सिर्फ धड़ बाहर आया था. बाकी सिर गायब था.
अस्पताल के डॉक्टर और परिजन दोनों हैरान थे. जब जोधपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने रामगढ़ के चिकित्सा प्रभारी डॉ. निखिल शर्मा से इस बारे में बात की तो उनका कहना था कि बच्चा पहले से ही पेट में मृत था. प्रसव में दिक्कत आ रही थी. बच्चे के सिर्फ पैर बाहर आ रहे थे. चूंकि छोटे अस्पताल में सारी सुविधाएं मौजूद नहीं थीं, इसलिए महिला को जोधपुर रिफर कर दिया गया.
हालांकि जोधपुर में जो मंजर डॉक्टरों ने देखा, इस बात पर यकीन करना नामुमकिन था. अस्पताल ने तो बच्चे का सिर परिजनों को सौंप दिया, लेकिन परिजन उसे लेकर पुलिस के पास चले गए. जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पहले अस्पताल टालमटोल करता रहा. लेकिन पुलिस के बड़ा रुख अपनाने पर आखिरकार उन्होंने बच्चे का धड़ पुलिस को सौंप दिया. इसके बाद पुलिस ने चिकित्साकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि बच्चे के शरीर के दोनों हिस्सों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है.इस घटना ने लोगों को दहला दिया है और एक बार फिर पूरे चिकित्सा जगत की असंवेदनशीलता और लापरवाही सामने आई है.
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