चित्तौड़गढ़ में डाककर्मी से हुए दुर्व्यवहार का काली पट्टी बांध जताया विरोध

कौन नहीं ले सकता फ्रेंचाइजी पोस्ट ऑफिस इंप्लॉइज के परिवार के सदस्य उसी डिवीजन में फ्रेंचाइजी नहीं ले सकते, जहां वह इंप्लॉई काम कर रहे हैं. परिवार के सदस्यों में इंप्लॉई की पत्नी, सगे व सौतेले बच्चे और ऐसे लोग जो पोस्टल इंप्लॉई पर निर्भर हों या उनके साथ ही रहते हों, फ्रेंचाइजी ले सकते हैं.
बारां के डाक कर्मी के साथ चितौड़गढ़ में हुए गलत व्यवहार के विरोध में डाक कर्मचारियों ने आज काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. मजदूर संघ के आह्वान पर सभी डाक कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों और सदस्यों ने चितौड़गढ़ में डाक कर्मचारी किशन लाल के साथ किए गए व्यवहार के विरोध में बारां में भी काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया.
- ETV Rajasthan
- Last Updated: September 22, 2017, 5:23 PM IST
बारां के डाक कर्मी के साथ चितौड़गढ़ में हुए गलत व्यवहार के विरोध में डाक कर्मचारियों ने आज काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. मजदूर संघ के आह्वान पर सभी डाक कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों और सदस्यों ने चितौड़गढ़ में डाक कर्मचारी किशन लाल के साथ किए गए व्यवहार के विरोध में बारां में भी काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया.
मजदूर संघ के राज्य संयोजक दीपक शर्मा ने बताया कि डाक कर्मचारी किशनलाल की पत्नी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं. जिसके चलते किशन लाल ने चित्तौड़गढ़ में अपनी पत्नी की देखभाल करने के लिए छुट्टी का आवेदन किया था.
उनकी समस्या पर ध्यान देने के बजाए विभाग की ओर से उन्हें घर से काफी दूर प्रतिनुक्ति पर भेज दिया गया. पत्नी की तबीयत अधिक खराब होने पर अवकाश हेतु कर्मचारी ने चित्तौड़गढ़ में अधीक्षक से मोबाइल फोन पर संपर्क किया. अधीक्षक ने कर्मचारी से एक बार बात कर बाद में अपना फोन बंद कर लिया.
अधीक्षक के इस रवैये के चलते कर्मचारी अपनी पत्नी के अंतिम समय तक उसकी देखभाल नहीं कर पाया.प्रशासन की इस सवेदंहीन और अमानवीय कार्यशैली के चलते कर्मचारी की पत्नी का असमय ही निधन हो गया. जिससे उनका पूरा परिवार गहरे सदमे में है. उक्त घटना से पूरे प्रदेश के डाक कर्मचारियों में गहरा रोष व्यापत है. इस घटना के विरोध में सभी डाक कर्मचारी संगठनों ने अपने-अपने मंडल कार्यालय पर चीफ पोस्ट मास्टर के नाम इस ज्ञापन सौंपा है.
मजदूर संघ के राज्य संयोजक दीपक शर्मा ने बताया कि डाक कर्मचारी किशनलाल की पत्नी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं. जिसके चलते किशन लाल ने चित्तौड़गढ़ में अपनी पत्नी की देखभाल करने के लिए छुट्टी का आवेदन किया था.
उनकी समस्या पर ध्यान देने के बजाए विभाग की ओर से उन्हें घर से काफी दूर प्रतिनुक्ति पर भेज दिया गया. पत्नी की तबीयत अधिक खराब होने पर अवकाश हेतु कर्मचारी ने चित्तौड़गढ़ में अधीक्षक से मोबाइल फोन पर संपर्क किया. अधीक्षक ने कर्मचारी से एक बार बात कर बाद में अपना फोन बंद कर लिया.
अधीक्षक के इस रवैये के चलते कर्मचारी अपनी पत्नी के अंतिम समय तक उसकी देखभाल नहीं कर पाया.प्रशासन की इस सवेदंहीन और अमानवीय कार्यशैली के चलते कर्मचारी की पत्नी का असमय ही निधन हो गया. जिससे उनका पूरा परिवार गहरे सदमे में है. उक्त घटना से पूरे प्रदेश के डाक कर्मचारियों में गहरा रोष व्यापत है. इस घटना के विरोध में सभी डाक कर्मचारी संगठनों ने अपने-अपने मंडल कार्यालय पर चीफ पोस्ट मास्टर के नाम इस ज्ञापन सौंपा है.