बारां में मौसमी बीमारियों का प्रकोप, अस्पतालों में लगी हैं मरीजों की लंबी-लंबी कतारें

फोटो-(ईटीवी)
बारां शहर के जिला अस्पताल प्रबंधन के दावे नाकाफी साबित हो रहे हैं, जिले में मौसमी बीमारियों का आलम बदस्तूर जारी है.
- ETV Rajasthan
- Last Updated: September 16, 2017, 12:47 PM IST
बारां शहर के जिला अस्पताल प्रबंधन के दावे नाकाफी साबित हो रहे हैं, जिले में मौसमी बीमारियों का आलम बदस्तूर जारी है.
जिला अस्पताल में मरीज अस्पताल खुलने से पहले ही आकर लाइनों में लग जाते हैं, लेकिन अस्पताल में मौसमी बीमारियों से निपटने के उचित इंतजाम न होने से मरीज घंटों लाइनों में लग कर अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं.
अस्पताल के कुप्रबंधन के कारण मरीज और उनके तीमारदारों का अस्पताल में पूरा दिन बर्बाद होता है. जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण जिलेभर से मरीजों का का आना जाना लगा रहता है और नर्सिग स्टाफ मोबाइल पर बात करते रहते हैं और बिना मास्क लगाए नजर आते हैं.
मौसमी बीमारियों में इनफेक्शन का खतरा बढ़ जाने से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में अस्पताल की एडवाइजरी जारी होने के बावजूद प्रशासन मानने को तैयार नही है. मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है और डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कोटा रेफर कर प्रशासन से पल्ला झाड़ ले रहे हैं.पीएमओ सम्पतराज नागर का कहना है कि मौसमी बीमारियों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने माकूल इंतजाम कर रखे हैं, मरीजों की संख्या इस मौसम में बढ़ने के कारण जिला कलक्टर के आदेशानुसार आउटडोर का समय आधे घंटे बढ़ा दिया है और पर्ची कटे हुए मरीज को आउटडोर के समय के बाद भी देखा जाएगा.
जिला अस्पताल में मरीज अस्पताल खुलने से पहले ही आकर लाइनों में लग जाते हैं, लेकिन अस्पताल में मौसमी बीमारियों से निपटने के उचित इंतजाम न होने से मरीज घंटों लाइनों में लग कर अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं.
अस्पताल के कुप्रबंधन के कारण मरीज और उनके तीमारदारों का अस्पताल में पूरा दिन बर्बाद होता है. जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण जिलेभर से मरीजों का का आना जाना लगा रहता है और नर्सिग स्टाफ मोबाइल पर बात करते रहते हैं और बिना मास्क लगाए नजर आते हैं.
मौसमी बीमारियों में इनफेक्शन का खतरा बढ़ जाने से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में अस्पताल की एडवाइजरी जारी होने के बावजूद प्रशासन मानने को तैयार नही है. मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है और डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए कोटा रेफर कर प्रशासन से पल्ला झाड़ ले रहे हैं.पीएमओ सम्पतराज नागर का कहना है कि मौसमी बीमारियों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने माकूल इंतजाम कर रखे हैं, मरीजों की संख्या इस मौसम में बढ़ने के कारण जिला कलक्टर के आदेशानुसार आउटडोर का समय आधे घंटे बढ़ा दिया है और पर्ची कटे हुए मरीज को आउटडोर के समय के बाद भी देखा जाएगा.