पेयजल आपूर्ति के स्रोतों में जल स्तर घटा, गहरा सकता है जलसंकट

जल स्तर घटने से पेयजल आपूर्ति हो सकती है प्रभावित.
बारां के पार्वती नदी में हीकडदह में शहर के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए बने पम्प हाउस के इंटेक लेवल तक पानी पहुंचाना जलदाय विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: June 24, 2018, 6:23 PM IST
राजस्थान के बारां जिले में कभी भी पेजयल संकट गहरा सकता है. शहर की पेयजल आपूर्ति के स्रोतों में जल स्तर काफी नीचे पहुंच चुका है, जिससे शहर की पेयजल आपूर्ति कभी भी ठप हो सकती है. अगर तीन- चार दिन में बरसात नहीं हुई तो शहर के लोगों को पेयजल संकट से जुझना पड़ सकता है. बारां के पार्वती नदी में हीकडदह में शहर के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए बने पम्प हाउस के इंटेक वल तक पानी पहुंचाना जलदाय विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.
कुछ दिनों पहले दह पर कॉपरडैम के छोटे से हिस्से को तोड़ कर बनाई गई नाली से भी अब इंटेक वेल तक बहुत कम पानी पहुंच रहा है. विभाग के अधिकारी विकल्प तलाशने के बजाय कई दिनों से मानसून पर टकटकी लगाए हुए थे, लेकिन उनकी यह आस अधूरी ही रही ऐसे में अब जिला मुख्यालय के लोगों को करीब 16 साल बाद एकांतरे जलापूर्ति से संतोष करना पड़ेगा.
हीकड़दह के इंटेक वेल में दह का पानी पहुंचाने के लिए तीन गेट बनाए हुए हैं. दह का जलस्तर गिरने से सबसे ऊपर बने गेट तक पानी पहुंचना बंद हो गया, तो नीचे बना दूसरा गेट खोला गया, लेकिन कुछ दिनों बाद उससे भी पानी पहुंचना बंद हो गया था.
इसके बाद अधिकारियों की नींद खुली और सबसे आखरी एवं कुए के निचले स्तर पर बने तीसरे गेट को खोला गया है. इसके साथ ही कॉपर डैम को तोड़कर जेसीबी की सहायता से दूसरी नई नाली बनाई गई, लेकिन अब दह में पानी का स्तर और नीचे चला गया इससे आने वाले दिनों में बारां में जल संकट गहरा सकता है.(रिपोर्ट - विपिन तिवारी)
कुछ दिनों पहले दह पर कॉपरडैम के छोटे से हिस्से को तोड़ कर बनाई गई नाली से भी अब इंटेक वेल तक बहुत कम पानी पहुंच रहा है. विभाग के अधिकारी विकल्प तलाशने के बजाय कई दिनों से मानसून पर टकटकी लगाए हुए थे, लेकिन उनकी यह आस अधूरी ही रही ऐसे में अब जिला मुख्यालय के लोगों को करीब 16 साल बाद एकांतरे जलापूर्ति से संतोष करना पड़ेगा.
हीकड़दह के इंटेक वेल में दह का पानी पहुंचाने के लिए तीन गेट बनाए हुए हैं. दह का जलस्तर गिरने से सबसे ऊपर बने गेट तक पानी पहुंचना बंद हो गया, तो नीचे बना दूसरा गेट खोला गया, लेकिन कुछ दिनों बाद उससे भी पानी पहुंचना बंद हो गया था.
इसके बाद अधिकारियों की नींद खुली और सबसे आखरी एवं कुए के निचले स्तर पर बने तीसरे गेट को खोला गया है. इसके साथ ही कॉपर डैम को तोड़कर जेसीबी की सहायता से दूसरी नई नाली बनाई गई, लेकिन अब दह में पानी का स्तर और नीचे चला गया इससे आने वाले दिनों में बारां में जल संकट गहरा सकता है.(रिपोर्ट - विपिन तिवारी)