मंत्री हरीश चौधरी के बयान के बाद बाड़मेर की राजनीति में फिर सियासी बवंडर की संभावना

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी। फोटो : न्यूज 18 राजस्थान ।
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर लोकसभा चुनाव में बाड़मेर की राजनीति गरमाने जा रही है. विधानसभा चुनाव में प्रदेश की राजनीति में हॉट केक बने बाड़मेर में फिर सियासी भूचाल की संभावनाएं पैदा हो रही है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: January 27, 2019, 1:28 PM IST
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर लोकसभा चुनाव में बाड़मेर की राजनीति गरमाने जा रही है. विधानसभा चुनाव में प्रदेश की राजनीति में हॉट केक बने बाड़मेर में फिर सियासी भूचाल की संभावनाएं पैदा हो रही है. लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने हाल ही में बयान दिया है कि अगर पार्टी कहेगी तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. उनके इस बयान के बाद बाड़मेर के सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी बाड़मेर के बायतू से विधायक हैं. वे पूर्व में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद एवं विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेन्द्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की बेरुखी से खफा होकर पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. उस समय से राजनीतिक गलियारों में उनके कांग्रेस से बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में उतरने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था. मानवेन्द्र सिंह गत लोकसभा चुनावों में बीजेपी द्वारा अपने पिता जसवंत सिंह का टिकट काट दिए जाने से खफा थे. खुद मानवेन्द्र सिंह बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं और उन्होंने रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीता था. इस बार वे कांग्रेस से लोकसभा की टिकट के प्रबल दावेदार हैं.
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ऐसे में हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक और बाद में मंत्री बनने वाले हरीश चौधरी के इस बयान से यह तो साफ हो गया कि लोकसभा की सीट के लिए कांग्रेस में घमासान होना तय है. सियासी गलियारों में अब इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि हरीश चौधरी का बयान इस बात तो साफ करता है कि उनके मन में अभी भी केंद्रीय राजनीति में जाने की इच्छा चल रही है, लेकिन सरकार में मंत्री बन गए हैं लिहाजा वे कुछ भी खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं.
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प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी बाड़मेर के बायतू से विधायक हैं. वे पूर्व में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद एवं विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेन्द्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की बेरुखी से खफा होकर पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. उस समय से राजनीतिक गलियारों में उनके कांग्रेस से बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में उतरने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था. मानवेन्द्र सिंह गत लोकसभा चुनावों में बीजेपी द्वारा अपने पिता जसवंत सिंह का टिकट काट दिए जाने से खफा थे. खुद मानवेन्द्र सिंह बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं और उन्होंने रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीता था. इस बार वे कांग्रेस से लोकसभा की टिकट के प्रबल दावेदार हैं.
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ऐसे में हाल ही में विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक और बाद में मंत्री बनने वाले हरीश चौधरी के इस बयान से यह तो साफ हो गया कि लोकसभा की सीट के लिए कांग्रेस में घमासान होना तय है. सियासी गलियारों में अब इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि हरीश चौधरी का बयान इस बात तो साफ करता है कि उनके मन में अभी भी केंद्रीय राजनीति में जाने की इच्छा चल रही है, लेकिन सरकार में मंत्री बन गए हैं लिहाजा वे कुछ भी खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं.
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