रिपोर्ट:मनमोहन सेजू
जैसलमेर. सरहदी जैसलमेर में चल रहे तीन दिवसीय मरु महोत्सव में जहां देशी-विदेशी पर्यटकों को राजस्थान की कला, संस्कृति, लोकरंग, लोकसंगीत और परिवेश से रूबरू होने का मौका मिल रहा है. वहीं भारतीय वायु सेना के जांबाजों द्वारा प्रदर्शित किए गए एयरवॉल ड्रिल ने लोगों का दिल जीत लिया है. भारतीय वायुसेना की वर्दी में वायुसेना के जांबाजों ने हाथ मे शमशीर और हथियार थामकर एकाग्रता और चौकन्नेपन का जो प्रदर्शन किया, वह देखकर हर कोई तालियां बजाने पर मजबूर हो गया.
पाकिस्तान की सीमा पर बसे सरहदी जैसलमेर में इन दिनों मरु महोत्सव की धूम है. 5 दिवसीय मरु महोत्सव में देश ही नहीं अपितु विदेशी मेहमानों का भी जमावड़ा लगा हुआ है. जैसलमेर-पोकरण मरु महोत्सव के तीसरे दिन डेडानसर मैदान में सीमा सुरक्षा बल द्वारा सबसे आकर्षक कार्यक्रम ‘केमल टैटू शो’ का आयोजन किया गया. ‘8वें अजूबे’ माउण्टेन बेण्ड की स्वर लहरियों पर यह शो आयोजित हुआ.
केमल डेकोरेशन, शान-ए-मरुधरा, एयरफोर्स द्वारा रोमांचक और साहसिक प्रदर्शन एयर वॉरियर ड्रिल, पणिहारी मटका रेस, केमल पोलो मैच, सीमा सुरक्षा बल द्वारा एक्रोबेटिक्स कैमल टैटू शो का प्रदर्शन किया गया. जैसलमेर जिला मुख्यालय के डेडानसर मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा रहा.
स्क्वॉड्रन लीडर आकाश घणघस की अगुवाई में दो दर्जन से अधिक वायुसैनिकों ने कदम से कदम मिलाते हुए हुनर और अनुभव का तालमेल दिखाया. घणघस ने बताया एक टीम में 30 एयरवॉल होते हैं. इसका उद्देश्य ड्रिल टू थ्रिल है. साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि यहां एक-दूसरे साथी पर विश्वास रहता है. साथ ही इन्हें 9 महीने की खास ट्रेनिंग दी जाती है.
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