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Success Story: रेतीली जमीन पर जौ की खेती, अब इससे बनेगी बीयर, इस किसान की बदली किस्मत

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तारातरा

तारातरा स्थित खेत मे लहलहाती जौ की फसल

Success Story: विक्रम सिंह की जौ की फसल कम्पनी उनके खेत से सीधे खरीद करेगी. यह उनके लिए काफी राहत भरा है. बाड़मेर के छोट ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: मनमोहन सेजू
बाड़मेर.
जिस धरा पर पीने के पानी के लिए हर रोज लोग 10 से 20 किलोमीटर का सफर तय कर हलक तर करने वाला पानी लेकर आते थे. उसी जमीन पर बीयर बनाने के आधार की फसल लहलहाई तो हर कोई अचंभित हो गया. यह अचंभा हकीकत के रूप में धरातल पर उतरा है पाकिस्तान की सरहद से बाजू मिलाने वाले राजस्थान के बाड़मेर में.

आम तौर पर रेतीले और बंजर इलाके का तमगा अपनी पेशानी में लगाए रखने वाले बाड़मेर में अब नवाचारों की बाढ़ आ रखी है. इनमें सबसे नायाब है जौ की खेती. बाड़मेर के छोटे से गांव तारातरा में युवा किसान ने प्रायोगिक तौर पर जौ की खेती की है. 55 बीघा के अपने पहले प्रयोग में ही विक्रम सिंह के खेत मे जौ की फसल लहलहा रही है. बाड़मेर के तारातरा के युवा किसान विक्रमसिंह तारातरा बताते है कि उन्होंने अपने खेत की 55 बीघा जमीन पर जौ की खेती की गई है.

इस फसल के लिए उनका विख्यात फर्म जयपुर चक्की कम्पनी के साथ अनुबंध भी हुआ है. उन्हें पहली बार जौ की खेती के लिए काफी कठिनाइयों से ना केवल रूबरू होना पड़ा है बल्कि यहां इस फसल को लेने में कई चुनोतियां भी आई. उन्होंने जनवरी में इस फसल की बुवाई की थी. महज 3 माह की उपज से मुनाफे की उम्मीद है.

विक्रम सिंह की यह फसल कम्पनी उनके खेत से सीधे खरीद करेगी. यह उनके लिए काफी राहत भरा है. बाड़मेर के छोटे से गांव तारातरा से उपजी जौ से बीयर बनेगी. आपको बता दे कि जौ एक अहम अनाज है जो कि बीयर के निर्माण में उपयोग किया जाता है. जौ को मल्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो बियर के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. बीयर का निर्माण आमतौर पर चार सामग्री से किया जाता है – जौ मल्ट, हॉप्स, यीस्ट, और पानी.

सरहदी बाड़मेर के किसान का यह नवाचार काफी सुर्खियों में है. एक तरफ जहां पीने के पानी के लिए भी लोगो को मीलों का सफर तय करना पड़ता था.आज उसी जगह जौ सरीखी खेती यकीनन सुखद है.

Tags: Barmer news, Farming in India, Rajasthan news, Success Story

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