दोनों आरोपियों के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
बाड़मेर. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर (India-Pakistan Borde) पर स्थित बाड़मेर जिले से सीआईडी इंटेलिजेंस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए भारत में जासूसी करते दो भारतीय जासूसों को किया गिरफ्तार किया है. ये दोनों भारत की सामरिक सूचनाओं की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेज रहे थे. इनमें से एक को आईएसआई की ओर से भारत से सामरिक सूचनाएं भेजने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी. दोनों आरोपियों के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत अलग-अलग प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया किया गया है. दोनों से गहनता से पूछताछ की जा रही है.
इंटेलिजेंस के अतिरिक्त महानिदेशक एस सेंगाथिर ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट रतन खान और पारू राम को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में पारू राम बॉर्डर होमगार्ड का जवान है. वह तेल उत्पादक क्षेत्र नगाणा मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करता है. वह टर्मिनल और उसके आसपास स्थित अन्य प्रतिबंधित क्षेत्रों के फोटो, वीडियो और लोकेशन आदि महत्वपूर्ण तथा गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला हैंडलर को सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करवा रहा था. वह हनीट्रैप और धनराशि के प्रलोभन में आकर अपने मोबाइल फोन से प्रतिबंधित इलाकों की फोटो लेता और वीडियो बनाता.
रतन खान पाकिस्तान जाकर सूचना उपलब्ध करवा रहा था
इसी तरह से शिव थाना इलाके के धारावी कला गांव निवासी रतन खान 2012 से लगातार अपने रिश्तेदारों से मिलने के बहाने पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी के लिए काम करते हुए पाकिस्तान जाकर उन्हें भारत की सामरिक सूचनाएं और वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी उपलब्ध करवा रहा था. रतन खान को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से भारत से सामरिक सूचनाएं भेजने के लिए ट्रेनिंग भी दी गई थी. उसके बाद से वह लगातार भारत से सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान के जासूस के रूप में काम करते हुए सूचनाएं भेज रहा था.
दोनों आरोपियों के द्वारा धनराशि प्राप्त करने का खुलासा हुआ है
दोनों ही आरोपियों से की गई पूछताछ और तकनीकी अनुसंधान में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर स्थानीय एजेंट के तौर पर कार्य करने की पुष्टि हुई है. इसके एवज में धनराशि प्राप्त करने का भी खुलासा हुआ है. इस पर दोनों आरोपियों के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं. बहरहाल दोनों से गंभीरता से पूछताछ की जा रही है. उल्लेखनीय है कि पश्चिमी राजस्थान में पूर्व में भी पाकिस्तान के लिए काम करने वाले आरोपियों को पकड़ा जा चुका है.
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