रिपोर्ट: मनमोहन सेजू
बाड़मेर. कहते है इस दुनिया मे एक ही शक्ल के सात इंसान होते है, लेकिन अगर दो एक ही हमशक्ल के एक घर में हो तो…? आपको पढ़कर हैरानी होगी लेकिन सरहदी बाड़मेर में धीर जैन और धैर्य जैन जुड़वा भाइयों की शक्ल एक जैसी है. दोनो की उम्र में महज 1 मिनट का अंतर है.
12 नवंबर 2018 में दोनो का जन्म हुआ और दोनों एक दूसरे की परछाई से कम नहीं लगते है. पिता मनीष जैन के जयपुर में कुर्ती का व्यवसाय है और मां मोना जैन गृहणी है. दोनों बच्चों को उनके घरवाले एक जैसे कपड़े, जूते यहां तक की दोनों के जुराब तक एक जैसे खरीदे जाते हैं. दोनों जब भी अपने दादा हस्तीमल जैन और दादी के साथ मंदिर जाते है तो लोग दोनों को देखते रह जाते है. दोनों की शक्लों के साथ-साथ एक बात जो सबसे खास है वह यह कि दोनों के ही नजर का चश्मा लगता है.
धीर जैन और धैर्य जैन के घरवाले बताते है कि फिल्मों में और टीवी सीरियल्स में जुड़वा और हमशक्ल की कहानियां सुनी और देखी थी. लेकिन घर मे जब जुड़वा बच्चों की किलकारी गूंजी तो किसी का खुशी का ठिकाना तक नहीं रहा. अब जब भी इन दोनों को कोई देखता है तो एकटक निहारता रहता है. दोनों जयपुर में अक्षर लिटल स्कॉलर स्कूल में जूनियर मे प्रवेश करेंगे.
घरवालों के मुताबिक दोनों की शक्ल एक जैसी है लेकिन स्वभाव में थोड़ा सा फर्क है. एक थोड़ा सा तेज है तो दूसरा थोड़ा विनम्र भाव का. दोनों को जहां नवकार मंत्र कंठस्थ है. वहीं घूमने के साथ मंदिर जाना भी दोनों को बेहद पसंद है. दोनों को टीवी देखना, चित्रकारी करना, कार में घूमना, टॉय कार से खेलना, उधम मचाना बेहद पसंद है.
धैर्य व धीर की मां मोना जैन बताती है कि शादी के 7 साल बाद तक भी उन्हें कोई संतान नहीं हो रही थी. लेकिन जब एक साथ जुड़वा बच्चे हुए तो घर में खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. धैर्य व धीरज को हर कोई अचरज में पड़ जाता है.
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