गुदड़ी का लाल: किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रुखमण सारण ने शुरुआती तालीम अपने गांव में ली. फिर तमाम संघर्षों के बीच अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की.
बाड़मेर. कहते हैं कि मेहनत करने वालों (Toilers) की कभी हार नही होती है. आज हम आपको ऐसे ही एक युवक की कहानी से रू-ब-रू करवा रहे हैं जिसने रेतीले धोरों से निकलकर अपनी प्रतिभा (Talent) का लोहा मनवाया है. इस प्रतिभा को कोल इंडिया (Coal India) ने 14 लाख रुपये का पैकेज देकर अपना हिस्सा बनाया है. यह कहानी है पाकिस्तान की सीमा से लगते जाटों का कुआं के रुखमन सारण (Rukhman Saran) की सफलता की जिसने गरीबी से उठकर कोल इंडिया कंपनी में अपना नया मुकाम बनाया है.
रेत के दरिया में टापू सरीखा नजर आने वाले बाड़मेर जिले में भारत पाकिस्तान सीमा पर बसा जाटों का कुआं. एहसान का तला ग्राम पंचायत के इस गांव के युवा रुखमण सारण की सफलता की चर्चा आज हर तरफ रही है. हो भी क्यों नहीं क्योंकि रुखमन ने जो कमाल किया है वह अपने आप में मिसाल है. रुखमन अब कोल इंडिया कंपनी का हिस्सा बन गए हैं. अपने बेटे की सफलता पर उसके पिता को मघाराम को बेहद नाज है.
रुखमन तमाम विपरीत परिस्थितयों में भी जारी रखी पढ़ाई
रुखमन सारण के कुल 6 भाई हैं. उनके पांच भाई स्कूल में कक्षा तीसरी तक भी नही पहुंचे. लेकिन रुखमन के मन में पढ़ लिखकर कुछ कर गुजरने का जज्बा था. वह अपने परिवार और अपने गांव का नाम रोशन करने का सपना संजोए हुए था. लिहाजा रुखमन ने तमाम विपरीत परिस्थितयों में भी अपनी तालीम को जारी रखा. आज उसी का परिणाम है कि रुखमन का चयन कोयला उत्पादक भारत की महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड में मैनेजमेंट ट्रेनी पद पर हुआ है. आईआईटी मुंबई की ओर सेआयोजित GATE 2021 के आधार पर इंजीनियर रुखमण सारण की ऑल इंडिया 68 रैंक आई है. यही वजह है कि कोल इंडिया ने उनको 14 लाख रुपये का वार्षिक पैकेज दिया है.
कुछ यूं चला रुखमन की तालीम का सफर
किसान परिवार से नाता रखने वाले रुखमण सारण ने शुरुआती तालीम अपने गांव में ली. फिर जिला मुख्यालय पर किसान छात्रावास में रहकर 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद माइनिंग ब्रांच में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर से 2020 से की. इसके बाद रुखमन ने कुछ समय वेदांता ग्रुप में काम किया. अब उसकी मेहनत और प्रतिभा कोल इंडिया लिमिटेड की माइनिंग इंजीनियरिंग ब्रांच में नजर आएगी.
अपने गांव के पहले युवा हैं जिसने ये मुकाम हासिल किया है
रेतीले बाड़मेर के छोटे से गांव की पग डंडियों से निकलकर देश की अग्रणी कंपनी का हिस्सा बने सारण अपनी इस सफलता का राज खुद पर विश्वास और सेल्फ स्टडी को देते हैं. कुछ कर दिखाने के जज्बे ने आज इस युवा को आम भीड़ से निकाल कर खास बना दिया है. रुखमन बताते हैं कि उनके गांव से वे एकमात्र विद्यार्थी थे जिन्होंने साइंस लेकर यह मुकाम हासिल किया है. अब रुखमन 14 लाख के पैकेज के साथ कोल इंडिया कंपनी का हिस्सा बन गए हैं.
.
Tags: Barmer news, Coal india, Indian Village Stories, Job and career, Rajasthan latest news, Rajasthan news