Rajasthan: दो साल बाद पाकिस्तान से भारत लौटेंगी 2 दुल्हन, जानें क्या है पूरा मामला

शादी के बाद दुल्हनें कानूनी पेचिदगियों के कारण अभी तक भारत नहीं आ सकी थी. (सांकेतिक तस्वीर)
पश्चिमी राजस्थान (Western rajasthan) में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सरहद (India-Pakistan International Border) पर बसे बाड़मेर-जैसलमेर के दो युवाओं की जिंदगी का आज अहम दिन है. पाकिस्तान ब्याहे गये दोनों युवाओं की दुल्हनें (Brides) 2 साल बाद वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौट रही हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: March 8, 2021, 10:58 AM IST
बाड़मेर. पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर (India-Pakistan International Border) पर स्थित बाड़मेर-जैसलमेर जिले का पड़ोसी देश पाकिस्तान से रोटी-बेटी का रिश्ता आज भी कायम है. यह दीगर बात है कि पिछले दिनों दोनों देशों के बीच बढ़ी कड़वाहट के बाद अब इसमें कई तरह की परेशानियां सामने आने लगी हैं. इसके चलते अब इन रिश्तों को निभाना न केवल मुश्किल होता जा रहा है, बल्कि कई तरह की कानूनी पेचिदगियों का सामना करना पड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के मौके पर सुखद बात यह है कि दो दुल्हनें (Brides) सरहद पार से वाघा बॉर्डर के जरिये भारत आ रही हैं.
जानकारी के अनुसार, बाड़मेर-जैसलमेर के दो युवाओं की वर्ष 2019 में पाकिस्तान के सिंध में शादी हुई थी. इनमें बाड़मेर जिले के गिराब क्षेत्र के महेंद्र सिंह की छगनी से और नेपाल सिंह की कैलाश से पाकिस्तान में शादी हुई थी. लेकिन, शादी के 2 साल बाद दोनों की दुल्हनें कानूनी पेचिदगियों के कारण अभी तक भारत नहीं आ सकी हैं. अब उनके भारत लौटने का रास्ता साफ हो गया है. वे आज वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत आ रही हैं. आज वाघा बॉर्डर से महेंद्र सिंह की पत्नी छगनी, नेपाल सिंह की पत्नी कैलाश, उनकी सास मोर कंवर भारत आ रही हैं.
थार एक्सप्रेस ट्रेन कड़ी के रूप में काम करती थी
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी राजस्थान में स्थित जैसलमेर और बाड़मेर के कई परिवारों की पाकिस्तान में रिश्तेदारी है. दोनों देशों के लोग पहले ब्याह शादियों और त्योहारों पर सरहद पार आते-जाते रहे हैं. इसके लिये थार एक्सप्रेस ट्रेन कड़ी के रूप में काम करती थी. लेकिन, गत बरसों में दोनों देशों के बीच बढ़ी कड़वाहट के बाद थार एक्सप्रेस बंद की गई. इससे दोनों तरफ रहने वाले लोगों के रिश्ते प्रभावित होने लग गये और आना जाना थम गया.(इनपुट- प्रेमदान देथा)
जानकारी के अनुसार, बाड़मेर-जैसलमेर के दो युवाओं की वर्ष 2019 में पाकिस्तान के सिंध में शादी हुई थी. इनमें बाड़मेर जिले के गिराब क्षेत्र के महेंद्र सिंह की छगनी से और नेपाल सिंह की कैलाश से पाकिस्तान में शादी हुई थी. लेकिन, शादी के 2 साल बाद दोनों की दुल्हनें कानूनी पेचिदगियों के कारण अभी तक भारत नहीं आ सकी हैं. अब उनके भारत लौटने का रास्ता साफ हो गया है. वे आज वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत आ रही हैं. आज वाघा बॉर्डर से महेंद्र सिंह की पत्नी छगनी, नेपाल सिंह की पत्नी कैलाश, उनकी सास मोर कंवर भारत आ रही हैं.
थार एक्सप्रेस ट्रेन कड़ी के रूप में काम करती थी
उल्लेखनीय है कि पश्चिमी राजस्थान में स्थित जैसलमेर और बाड़मेर के कई परिवारों की पाकिस्तान में रिश्तेदारी है. दोनों देशों के लोग पहले ब्याह शादियों और त्योहारों पर सरहद पार आते-जाते रहे हैं. इसके लिये थार एक्सप्रेस ट्रेन कड़ी के रूप में काम करती थी. लेकिन, गत बरसों में दोनों देशों के बीच बढ़ी कड़वाहट के बाद थार एक्सप्रेस बंद की गई. इससे दोनों तरफ रहने वाले लोगों के रिश्ते प्रभावित होने लग गये और आना जाना थम गया.(इनपुट- प्रेमदान देथा)