रिपोर्ट : ललितेश कुशवाहा
भरतपुर.भारत देश में कुछ ऐसे मंदिर हैं, जो देखने में तो बहुत छोटे होते हैं. लेकिन उनके प्रति लोगो में गहरी आस्था होती है. एक ऐसा ही मंदिर भरतपुर के गांव बल्लमगढ़ में अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों की चोटी पर स्थित प्राचीन देवी मंदिर (Prachin Devi Temple) है. जानकारी के मुताबिक भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था और जब अपनी ससुराल सलेमपुर कलां जाने से पहले इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ मां को चुनरी और शृंगार कराकर ही जाते थे. वही इस मंदिर में विराजमान माता दुर्गा के दर्शन पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल कर चुके है और आज भी कईंप्रांतों के मंत्रियों सहित तमाम जन प्रतिनिधी यहां आते जाते रहते है. नवरात्रों में यहां 3 दिवसीय विशाल मेले का आयोजन भी होता है. जहां देश के विभिन्न क्षेत्रों से भक्त दर्शन करने के साथ-साथ अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं .माता रानी के आशीर्वाद से मनोकामना (Desire) पूर्ण होने पर यहां विशाल भंडारे का आयोजन करते हैं.
इस मंदिर का निर्माण महाराजा सूरजमल ने कराया था..
दिलीप कुमार सैनी ने बताया कि इस देवी मां के मंदिर का निर्माण महाराजा सूरजमल ने करवाया था.यह मंदिर भुसावर कस्बे के बल्लमगढ़ में अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है. जिसके चढ़ने के लिए 200 से अधिक सीढ़ियां बनी हुई है. यह देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और सच्चे मन से मांगी गईं मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
पूर्व राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कई जनप्रतिनिधी आ चुके है मेले में..
इस मंदिर पर चैत्र अष्टमी को तीन दिवसीय मेला लगता है. इस मेले की शुरुआत 7 साल पहले क्षेत्र के सगे भ्राता कृष्णा मन्नू ने घोड़ा – घोड़ी ,ऊंट – ऊंटनी औररथ दौड़ से शुरुआत की थी. उसी समय से साल में एक बार लक्खी मेला भरता है. इस मेले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया, शिवचरण माथुर असम पूर्व राज्यपाल सहित अनेक सांसद, केंद्रीय औरराज्य मंत्री आ चुके है और आज भी कई जनप्रतिनिधि यहां आते जाते रहते हैं.
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