रिपोर्ट- ललितेश कुशवाहा
भरतपुर. देश में भगवान हनुमान जी के अनगिनत मंदिर है. इन्हीं मंदिरो में से कुछ चमत्कारिक व अनूठे मंदिर हैं. जहां बुरी आत्माएं चीख चीख कर दम तोड़ती है और व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. राजस्थान के भरतपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां मान्यता है कि हनुमान जी महाराज की कृपा से ब्रह्मलीन हुए एक सिद्ध पुरुष की मूर्ति के सामने बुरी आत्माएं चीख चीख कर दम तोड़ती है. इसके अलावा यहां आने वाले प्रत्येक कष्ट का निवारण होता है.
डबरा वाले हनुमान जी बाबा बंसीदास के नाम से प्रसिद्ध मंदिर भरतपुर मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर उच्चैन तहसील के गांव हाड़ली में स्थित है. जहां प्रत्येक मंगल और शनिवार को देश की विभिन्न प्रदेशों से अपने कष्टों को लेकर भक्त आते हैं. मान्यता है कि यहां आया हुआ कष्ट से ग्रसित व्यक्ति स्वस्थ होकर लौटता है.भक्तों के माध्यम से जब इस मंदिर के बारे में जानकारी मिली तो न्यूज़ 18 की टीम ने स्वयं जाकर कुछ ऐसे दृश्य कैद किए हैं. जिन्हें देखकर लोग दंग रह जाएंगे. मान्यताओं के अनुसार कुछ साल पहले ब्रह्मलीन हुए सिद्ध पुरुष बाबा बंसी दास की मूर्ति के सामने लोग कई घंटों तक भजन करते हैं .भजन करते करते अचानक लोगों में चीख-पुकार मच जाती है और ऐसा लगता है कि मानो बुरी आत्माएं बाबा की चौखट पर दम तोड़ रही हो और मुक्ति के लिए गुहार लगा रही हो. थोड़े समय बाद वहां का दृश्य सामान्य हो जाता है उसके बाद अखंड धूना से रज ( बभूत) लेकर शरीर पर लगाई जाती.
बाबा बंसी दास महाराज की है महिमा….
मंदिर के महंत बाबा बलराम दास ने बताया कि यह मंदिर 50 -60 साल पुराना है. इस मंदिर पर सिद्ध पुरुष बाबा बंसी दास रहा करते थे. बाबा ने जीवित ही कई चमत्कारों से भक्तों को अचरज में डाल दिया था. उन्होंने कहा कि एक बार पास स्थित एक गांव से कुछ भक्त आए थे जहां बाबा ने अपने सारे शरीर के अंग अलग-अलग कर लिए जिन्हें देखकर भक्त डर गए और अगले दिन देखा तो बाबा सही सलामत सामने बैठे मिले. वही बाबा स्वयं लोगों के कष्टों का निवारण करते थे और यही मान्यता है कि आज ब्रह्मलीन होने के बाद भी हनुमान जी महाराज की कृपा से बाबा स्वयं रोगियों के कष्टों को हरते हैं और उन्हें मुक्ति दिलाते हैं. यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ्य करके वापस भेजते हैं. प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों का हुजूम उमड़ता है.
बाबा बंसी दास की मूर्ति के सामने दम तोड़ती है बुरी आत्माएं..
बाबा बंसी दास के ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी मूर्ति मंदिर में ही विराजमान है. जहां भक्त अपने कष्टों को लेकर मंगल और शनिवार को आते हैं और बाबा की मूर्ति के सामने बैठकर भजन गाते है. भजन के दौरान जिन व्यक्तियों पर बुरी आत्माओं का साया होता है तो वह चीख चीख कर बाबा की चौखट पर बुरी तरह से खेलता हैं और थोड़े समय बाद स्थिति सामान्य हो जाती हैं. उसके बाद व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ पाता है और मंदिर के महंत से धूनी की रज लेकर लेकर प्रसन्न होकर विदा हो जाता है. यही वजह है कि यहां प्रत्येक मंगल और शनिवार को देश के विभिन्न प्रांतों से भक्त अपने कष्टों को लेकर आते हैं .
देश के विभिन्न प्रांतों से आते है भक्त…
ऐसे कई भक्तों से हुई जो गुजरात ,हरियाणा पंजाब ,छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश ,जम्मू कश्मीर आए थे और यह वह भक्त थे जिन्हें कष्टों से मुक्ति मिल चुकी है. मथुरा के अशोक अग्रवाल ने बताया कि मेरी पत्नी गंभीर बीमारी से ग्रसित थी और उन्हें देश के बेस्ट से बेस्ट डॉक्टरों के अलावा हकीमों पर दिखाया. लेकिन उन्हें कहीं आराम नहीं मिला तो थक हार कर घर बैठ गया. एक दिन अचानक किसी व्यक्ति के माध्यम से इस मंदिर के बारे में जानकारी हुई तो उदास मन लेकर यहां पहुंचा और सच्चे मन से बाबा से प्रार्थना की तो 11 दिन रहने के बाद मेरी पत्नी स्वस्थ हो गई. मैं सप्ताह में एक बार जरूर यहां आता हूं. दूसरे भक्त अहमदाबाद से आए राजेश अग्रवाल ने बताया कि मैं पूर्ण रूप से गंभीर बीमार से पीड़ित था और किसी भी प्रकार की कोई दवाएं मुझ पर असर नहीं करती थी. एक व्यक्ति के कहने पर मैं यहां आया तो आज मुझे 30% आराम है और दवाइयों ने भी असर करना शुरू कर दिया. भरतपुर से आए एक व्यक्ति ने कहा कि मेरी पत्नी बुरी आत्माओं का शिकार थी जो दिन प्रतिदिन दुखी रहती थी .मैं भी बाबा की महिमा सुनकर यहां आया तो मेरी पत्नी को यहां बुरी आत्माओं से छुटकारा मिल गया है.
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