42वीं वेटरन मास्टर एथलेटिक चैंपियनशिप में जीता रजत पदक
रिपोर्ट : ललितेश कुशवाहा
भरतपुर.कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में आयोजित 42वीं वेटरन मास्टर एथलेटिक चैंपियनशिप केंटीरवा स्टेडियम में आयोजित की गई. इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में राजस्थान के 13 एथलीटों ने भाग लिया. इन्ही एथलीटों में से एक थे भरतपुर जिले के गांव चैनपुरा – कुरका निवासी लाखन सिंह उर्फ भगत सिंह . जिन्होंने सबसे पहले ट्रिपल जंप में रजत पदक जीतकर जिले के साथ राजस्थान का नाम रोशन किया है. इस प्रतियोगिता में पदक जीतने के बाद इनका चयन इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में हो गया है. इस पदक को मिलाकर अब तक उन्होंने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की गोला फेंक, लंबी कूद,दौड़ आदि प्रतियोगिताओं में 50 पदक जीत कर अर्धशतक लगा दिया है. इस उपलब्धि पर लाखन सिंह के परिजन बेहद खुश हैं और उनके सगे संबंधियों द्वारा बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
राजस्थान रोडवेज में परिचालक के रूप में है पदस्थापित..
भरतपुर निवासी लाखन उर्फ भगत सिंह ने बताया कि उन्हें बचपन से ही खेलों से विशेष लगाव था और उनका लक्ष्य था कि मैं अपना करियर खेलों में ही बनाए. लेकिन इसी बीच उनका चयन राजस्थान रोडवेज में परिचालक के रूप में हो गया उसके बाद परिचालक की नौकरी करने के साथ-साथ जिला राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक की ट्रिपल जंप, गोला फेंक, लंबी दौड़ आदि प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अब तक 50 गोल्ड, सिल्वर और कास्य पदक जीत चुके है. हाल ही में बेंगलुरू में आयोजित 42वीं वेटरन मास्टर एथलेटिक चैंपियनशिप के ट्रिपल जंप में रजत पदक जीतकर कर जिले के साथ राज्य का मान बढ़ाया है.
48 बार कर चुके है ब्लड डोनेट..
लाखन उर्फ भगत सिंह खेलों में दमखम दिखाने के साथ-साथ समाज सेवा में भी तत्पर रहते है. यह आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंद लोगों के लिए ब्लड डोनेट करते रहते है. भले ही इनकी उम्र 50 साल है लेकिन यह अब तक 48 बार ब्लड डोनेट कर चुके है. उनका कहना है कि उन्होंने कई लोगों को ब्लड की कमी के कारण दम तोड़ते हुए देखा है. उसी दिन से उन्होंने फैसला लिया कि उनके सामने अगर ऐसा कोई मरीज होगा तो उसके लिए वे ब्लड डोनेट के लिए तत्पर रहेंगे..
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