भरतपुर: 7 साल बाद 'अपना घर' आश्रम में मिलीं झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की लापता बहन

बहन के मिलने की सूचना पर बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल व बेटा सुलेमान रांची से फ्लाइट से दिल्ली आए और वहां से टैक्सी में पुलिस के साथ अपना घर आश्रम पहुंचे.
झारखंड के BJP नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) की लापता बहन सात साल बाद राजस्थान के भरतपुर के 'अपना घर' आश्रम ('Apna Ghar' Ashram) में मिली हैं. इस सूचना से मंराडी का पूरा परिवार खुशी से झूम उठा.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: December 29, 2020, 4:24 PM IST
भरतपुर. मानसिक अवसाद के कारण करीब सात पहले पहले घर से निकली झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) की बहन मैंसूरी देवी भरतपुर के 'अपना घर' आश्रम ('Apna Ghar' Ashram) में मिली हैं. जैसे ही मैंसूरी देवी के भरतपुर में होने की जानकारी झारखंड में मरांडी परिवार को मिली तो परिजन दौड़े आए और उन्हें यहां से अपने साथ ले गए. इस दौरान मैंसूरी देवी अपने बेटे और भाई को देख भावुक हो गईं. इस दृश्य को देख वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं.
अपना घर आश्रम के संचालकों ने बताया कि मैंसूरी देवी वर्ष 2000 से ही मानसिक अवसाद में थीं. उनका रांची में इलाज चल रहा था. इसी दौरान वह 2012 में परिवार से बिछुड़ गई और भटकते-भटकते भरतपुर के खोह डीग पहुंच गई थीं. मई-2018 में उन्हें वहां से अपना घर आश्रम लाया गया. यहां पर उनका इलाज चला. स्वस्थ होने पर मैंसूरी देवी ने अपना पता बताया. अपना घर के संचालकों ने जब उस पते पर सूचित किया तो जानकारी मिली कि मैंसूरी देवी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की बहन हैं.
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बहन के मिलने की उम्मीद छोड़ चुका था मरांडी परिवार
राजस्थान के भरतपुर में बहन के मिलने की सूचना के बाद बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल मरांडी और बेटा सुलेमान अपना घर आश्रम पहुंचे. वहां अपना घर आश्रम के प्रबंधकों ने मैंसूरी देवी को उनके सुपुर्द कर दिया. मरांडी परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे अपनी बिछड़ी बहन को लेकर उम्मीद ही छोड़ चुके थे. घर के सभी लोग मान चुके थे कि मैंसूरी देवी अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन सात साल बाद बहन मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. तुरंत बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल व बेटा सुलेमान रांची से फ्लाइट से दिल्ली आए और वहां से टैक्सी में पुलिस के साथ अपना घर आश्रम पहुंचे.
पूर्व सीएम ने किया आश्रम आने का वादा
मैंसूरी देवी को लेने आए परिजनों ने झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज से बात भी कराई. अपनी बहन के मिलने पर ख़ुशी प्रकट करते हुए मरांडी ने भारद्वाज से कहा कि वे जब भी दिल्ली आएंगे, अपना घर आश्रम की विजिट जरूर करेंगे. मरांडी ने भरोसा दिलाया कि आश्रम में आकर वे यहां की व्यवस्थाएं देखेंगे कि ऐसे लोगों के लिए झारखंड में क्या कर सकते हैं.
अपना घर आश्रम के संचालकों ने बताया कि मैंसूरी देवी वर्ष 2000 से ही मानसिक अवसाद में थीं. उनका रांची में इलाज चल रहा था. इसी दौरान वह 2012 में परिवार से बिछुड़ गई और भटकते-भटकते भरतपुर के खोह डीग पहुंच गई थीं. मई-2018 में उन्हें वहां से अपना घर आश्रम लाया गया. यहां पर उनका इलाज चला. स्वस्थ होने पर मैंसूरी देवी ने अपना पता बताया. अपना घर के संचालकों ने जब उस पते पर सूचित किया तो जानकारी मिली कि मैंसूरी देवी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की बहन हैं.
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राजस्थान के भरतपुर में बहन के मिलने की सूचना के बाद बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल मरांडी और बेटा सुलेमान अपना घर आश्रम पहुंचे. वहां अपना घर आश्रम के प्रबंधकों ने मैंसूरी देवी को उनके सुपुर्द कर दिया. मरांडी परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे अपनी बिछड़ी बहन को लेकर उम्मीद ही छोड़ चुके थे. घर के सभी लोग मान चुके थे कि मैंसूरी देवी अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन सात साल बाद बहन मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. तुरंत बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल व बेटा सुलेमान रांची से फ्लाइट से दिल्ली आए और वहां से टैक्सी में पुलिस के साथ अपना घर आश्रम पहुंचे.
पूर्व सीएम ने किया आश्रम आने का वादा
मैंसूरी देवी को लेने आए परिजनों ने झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज से बात भी कराई. अपनी बहन के मिलने पर ख़ुशी प्रकट करते हुए मरांडी ने भारद्वाज से कहा कि वे जब भी दिल्ली आएंगे, अपना घर आश्रम की विजिट जरूर करेंगे. मरांडी ने भरोसा दिलाया कि आश्रम में आकर वे यहां की व्यवस्थाएं देखेंगे कि ऐसे लोगों के लिए झारखंड में क्या कर सकते हैं.