रिपोर्ट-ललितेश कुशवाहा
भरतपुर. कहते हैं कड़ी मेहनत व बुलंद इरादे हमेशा सफलता के सूत्र हैं. कुछ यहीं कहानी है जनक सिंह गुर्जर की. जिन्होंने बिना आँखों के जो किया है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. जिन्होंने कड़ी मेहनत करके बिना आंखों के अब तक डिस्कस थ्रो और गोला फेंक प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल और तीन कांस्य पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किया है. जिसके चलते वे युवाओं में काफ़ी चर्चित हो रहे हैं.
कौन हैं जनक सिंह गुर्जर
जनक सिंह गुर्जर भरतपुर के खोहरी गांव के निवासी हैं. जिनकी गांव में हुई दुर्घटना में दोनों आंखें चली गईं थीं. लेकिन जनक सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और वे जयपुर कोचिंग के लिए चले गए. जहां उन्होंने गोला फेंक प्रतियोगिता की प्रेक्टिस की और इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल लेकर आए.
कोच महावीर सैनी और बालक सचिन की मेहनत लाई रंग
न्यूज़ 18 लोकल को जनक सिंह गुर्जर ने बताया कि उनकी सफलता में कोच महावीर सैनी और बालक सचिन सिंह का महत्वपूर्ण योगदान है. कोच महावीर सैनी ने जनक सिंह को सुबह के साथ साथ रातों में खूब मेहनत करवाई और सचिन तो 24 घंटे साथ रहता है. यहां तक कि मेरे खाने पीने की व्यवस्था तक सचिन ने की है और मुझको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया है. वहीं पैरा एसोशियन राजस्थान सचिव हिम्मत सिंह गुर्जर भी मेरे आदर्श रहे हैं. जिसके चलते मैं आज तक 3 गोल्ड मैडल जीत पाया हूं.
3 गोल्ड और 3 सिल्वर मेडल प्राप्त कर चुके हैं जनक सिंह
जनक सिंह गुर्जर अब तक डिस्कस थ्रो और गोला फेंक में 3 स्वर्ण पदक और 3 कांस्य पदक प्राप्त कर चुके हैं. जयपुर में आयोजित प्रतियोगिता में एक गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल, उड़ीसा भुवनेश्वर में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप प्रतियोगिता में एक कांस्य पदक और फिलहाल अलवर के इंद्रा गांधी स्टेडियम में आयोजित हुई पैरा सीनियर राजस्थान स्टेट चैंपियनशिप में 2 गोल्ड मेडल अपने नाम करके आए हैं. फिलहाल जनक सिंह गुर्जर युवाओं के लिए एक प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं.
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