होम /न्यूज /राजस्थान /Bharatpur News : इन महिलाओं के बनाये थैलों की मांग विदेशों तक, बनी आत्मनिर्भर

Bharatpur News : इन महिलाओं के बनाये थैलों की मांग विदेशों तक, बनी आत्मनिर्भर

X
जीआरसी

जीआरसी केन्द्र पर सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त करती महिलाएं एवं युवतियां 

भरतपुर जिले के खरेरा गांव में जीआरसी केन्द्र संचालित कर ग्रामीण युवती व महिलाओ को आत्मनिर्भर,रोजगारयुक्त तथा बेरोजगार म ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट: ललितेश कुशवाहा

भरतपुर : देश के लोगो की मदद के लिए एनआरआई हमेशा तत्पर रहते है.एक ऐसे ही एनआरआई है अरुण गुप्ता जो एकल ग्रामोत्थान फाउंडेशन संस्था द्वारा भारतीय लोगो की मदद कर रहे है. इनकी संस्था के द्वारा भरतपुर जिले के खरेरा गांव में जीआरसी केन्द्र संचालित कर ग्रामीण युवती व महिलाओ को आत्मनिर्भर,रोजगारयुक्त तथा बेरोजगार मुक्त बनाने के उद्देश्य से अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है.इन्ही कार्यक्रमों में से महिला सिलाई प्रशिक्षण केंद्र एक है.यंहा से सिलाई का प्रशिक्षण लेकर करीब 4 दर्जन से अधिक महिलाएं रोजगार से जुड़ चुकी है और एक दर्जन से अधिक महिलाओ ने स्वयं का लघु उद्योग स्थापित कर लिया है.जो घरों पर ही कपड़े एव बैग सिल कर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है.वही इन महिलाओ द्वारा तैयार किए जा रहे कपड़े के थैलों को देश के विभिन्न प्रांतो के साथ विदेशों में भी भेजा जा रहा है.

सिलाई प्रशिक्षण से महिलाओं को मिल रहा है रोजगार…

प्रशिक्षण दे रही सर्वेश(Sarvesh) ने बताया कि इस संस्था के द्वारा महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निशुल्क(Free) सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस दौरान महिलाओं को कपड़े सिलने के साथ ही स्वयं का रोजगार खोलने के लिए प्रेरित किया जाता है. इस समय इन महिलाओं के द्वारा कपड़े के थैले सिले जा रहे हैं और इनके द्वारा निर्मित इन थेलों को देश के विभिन्न प्रांतों के अलावा अमेरिका,यूरोप,जापान,श्रीलंका,नेपाल आदि देशो में भी भेजा रहा है. सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी बबली ने बताया कि इस केंद्र पर महिला एवं पुरुष के कपड़े सिलने के साथ ही कढ़ाई एवं बुनाई के बारे में सिखाया गया. इस काम के सीखने के बाद मुझे घर बैठे रोजगार मिल गया. इसके चलते मेरे द्वारा परिवार की आर्थिक स्थिति सहयोग मिलने से मजबूत हो रही है. प्रशिक्षण प्राप्त युवती अनिता कुमारी  ने बताया कि मुझे किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं आता था लेकिन इस केंद्र के द्वारा हमें आत्मनिर्भर के लिए सिलाई प्रशिक्षण दिया गया .इसके बाद हम लोगों को घर बैठे रोजगार मिल रहा है और हमारे द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को देश के साथ बाहर भेजने से हमारी स्थिति भी मजबूत हो रही है.

इनकी प्रति दिन की आय ₹200 से ₹500 …

यह केंद्र वर्ष 2020 से संचालित है और अब तक इस केंद्र से 200 से अधिक महिलाएं सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त करके 50 से अधिक महिलाएं रोजगार से जुड़ चुकी है. एक दर्जन महिलाओ ने स्वयं का लघु उद्योग स्थापित कर लिया है.जो घरों पर ही कपड़े एव बैग सिल कर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है. इस कार्य से इन महिलाओं एवं युवतियों को प्रतिदिन 200 से ₹500 की आय हो जाती है.

Tags: Bharatpur News, Rajasthan news

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें