रिपोर्ट: रवि पायक
भीलवाड़ा: शहर का राजपूत समाज नाराज है और इसकी वजह महाराणा प्रताप की अनदेखी को बताया जा रहा है. भीलवाड़ा के लोगों का महाराणा प्रताप से ऐतिहासिक जुड़ाव रहा है. लेकिन, यहां स्थापित उनकी एक प्रतिमा दुर्दशा का शिकार हो रही है. इसी को लेकर राजपूत समाज पिछले कई दिनों से आंदोलनरत है.
दरअसल, शहर के पांसल चौराहे के निकट स्थित महाराणा प्रताप की फाइबर की प्रतिमा को लेकर राजपूत समाज में आक्रोश है. यह प्रतिमा अनदेखी के चलते दुर्दशा का शिकार हो रही है. इसी के विरोध में राजपूत समाज के लोग अनशन पर बैठ गए हैं. उनकी मांग है कि फाइबर की जगह अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित की जाए.
प्रतिमा की दुर्दशा बर्दाश्त नहीं
राजपूत समाज का कहना है कि महाराणा प्रताप को पूरा विश्व उनके शौर्य और पराक्रम के लिए जानता है. महाराणा प्रताप ने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने मेवाड़ का पूरे देश का सम्मान बढ़ाया है. आज उन्हीं की प्रतिमा का मेवाड़ के प्रवेश द्वार भीलवाड़ा कहे जाने वाले शहर में बुरा हाल है. अनशन पर बैठे लोगों ने मांग की कि फाइबर की जगह अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित की जाए. इसके अलावा 100 फीट मार्ग का नामकरण महाराणा प्रताप मार्ग किया जाए और पांसल चौराहे के सर्किल का सुंदरीकरण हो.
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