नवरात्रि से ठीक पहले सजकर तैयार हो रहे भीलवाड़ा के देवी मंदिर.
रिपोर्ट: रवि पायक
भीलवाड़ा. प्रदेश सहित जिले में 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है. हिंदू सम्प्रदाय में इस पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. नवरात्रि में 9 दिन माता के अलग अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. मंदिर हो या घर, घट स्थापना की जाती है. इसके लिए कई लोग विशेष शुभ मुहूर्त भी देखते हैं. माना जाता है कि यदि इन दिनों में भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ माता की आराधना करें, तो जीवन और परिवार पर आने वाले दुख और तकलीफ को मां हर लेती है.
भीलवाड़ा नगर व्यास पंडित कमलेश व्यास कहते हैं कि चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ चैत्र शुक्ल में उदय व्यापिनी प्रतिपदा में दुस्वभाव लग्न युक्त प्रातः काल में होता है. इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च 2023 को रात्रि 8:21 तक है. शास्त्रानुसार घट स्थापना इसी दिन होगी. सुबह लाभ अमृत का चौघड़िया 6:33 से 9: 33 तक और दुस्वभाव लग्न प्रातः 6:33 से 7:38 तक एवं प्रातः 11:12 से प्रातः 12:10 तक रहेगा.
इस प्रकार भक्त अपनी सुविधानुसार घट स्थापना करें. व्यास कहते हैं कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. तिथियों को लेकर किसी प्रकार का कोई फेर नहीं है. इस बार माता का आगमन नाव पर हो रहा है, जो बहुत ही शुभ फलदायी है.
व्यास ने बताय कि नवरात्रों में सुबह शाम मां भगवती की पूजा करें. आरती के पश्चात कवच का पाठ करें. कवच का पाठ करने से आपके जीवन की सुरक्षा होगी. अगर दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण अनुष्ठान करने में सक्षम हो तो उसे करें. अगर आप उपरोक्त दोनों नहीं कर सकते तो नवार्ण मंत्र का अवश्य जाप करें.
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