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भीलवाड़ा में हरी मिर्च की मांग बढ़ी, रोजाना 3 से 4 क्विंटल की हो रही खरीद, जानें क्यों?

भीलवाड़ा शहर की महात्मा ज्योतिबा फुले कृषि उपज मंडी सहित अन्य मंडियों में मिर्च 25 से 50 रुपये  प्रति किलो के भाव से मि ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट: रवि पायक
    भीलवाड़ा.
    भीलवाड़ा अपने खास जायको और तीखे मसालों के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है. वैसे तो यहां की थाली में तरह—तरह के जायके सजते हैं. लेकिन, सर्दी के दिनों में भीलवाड़ा के हर घर की थाली बिना मिर्च के आचार के अधूरी रहती है. यहां सभी घरों में मोटी हरी व लाल मिर्च का आचार डाला जाता है, जो कई माह तक खराब नहीं होता. तेल व राई में डाले जाने वाला यह आचार भोजन की थाली के टेस्ट को दोगुना कर देता है. इन दिनों मिर्च का आचार डालने का मौसम चल रहा है. इसी वजह से अब शहर में मिर्च की डिमांड भी बढ़ गई है. डिमांड बढ़ने के साथ ही मंडियों में मोटी हरी व लाल मिर्च की आवक भी बढ़ गई हैत्र

    इधर, डिमांड बढ़ने से हरी मिर्च से पिछले साल के मुकाबले इस बार व्यापारियों को मुनाफा भी अच्छा मुनाफा हो रहा है. शहर की मंडियों व दुकानों से रोजाना 3 से 4 क्विंटल मिर्च की बिक्री हो रही है. शहर की महात्मा ज्योतिबा फुले कृषि उपज मंडी सहित अन्य मंडियों में मिर्च 25 से 50 रुपयेप्रति किलो के भाव से मिल रही है. सब्जी मंडी में ठेला लगाने वाले कन्हैयासैनी कहते हैं कि डिमांड बढ़ने से लाल-हरी मिर्ची की आवक तेज हुई है. यह मोटी मिर्च विशेष रूप से आचार बनाने के लिए काम में ली जाती है.

    8 महीनों तक भी खराब नही होता इस मिर्च के अचार
    भीलवाड़ा के लोगों का कहना है​ कि कि इस मोटी मिर्च का आचार का 8-9 महीनों तक चलता है. इस मिर्च का आचार खाने में काफी गुणकारी व टेस्टी होती है. इन मिर्च को रोटियों के साथ कच्ची खाने में भी मजा आता है और आचार के लिए तो ये काफी अच्छी होती हैं.

    Tags: Bhilwara news, Rajasthan news

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