किसानों के चहरे थोड़े मायूस नज़र आ रगे है
रिपोर्ट : रवि पायक
भीलवाड़ा. कपड़ा नगरी भीलवाड़ा जिले भर में लगभग रबी की फसल कटाई के लिए तैयार है. ज़िले में काफ़ी किसानों ने कटाई शुरू भी कर दी है. लेकिन, इस बार किसानों के चहरे थोड़े मायूस नज़र आ रहे हैं. इसका कारण है कि मंडी में गेहूं के भाव उतने नहीं मिल पा रहे, जितने मिलने की किसानों को आस थी. वहीं हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. बारिश से पहले जिले के किसान गेहूं की फसल से होने वाले मुनाफे को लेकर खुश हो रहे थे. लेकिन बारिश ने एक बार फिर किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
हालांकि जिले में अभी कटाई के कार्य ने रफ्तार नहीं पकड़ी है. स्थानीय किसान मांगू लाल ने बताया कि गेहूं की कटाई तो शुरू हो गई. लेकिन, आगामी हफ्ते में इसमें बढ़ोतरी होगी. किसान ने बताया कि एक खेत मे कम से कम 3 मजदूर काम करते हैं. इससे स्थानीय लोगों को यही काम मिल रहा हैं तो वे बाहर नहीं जा रहे. मजदूर यहीं रहकर एक दिन का करीब 300 से 350 रुपये से ज्यादा रुपये कमा रहा है.
देखा जाए तो भीलवाड़ा जिले में प्रमुख फसल गेंहू सरसों मक्का की है. लेकिन यहां के किसान जीवन यापन के लिए गेहूं की फसल भी अच्छी मात्रा में उगाते हैं.अप्रैल के पहले सप्ताह में मंडी में गेहूं की आवक शुरू हो जाती है. लेकिन, बारिश होने की वजह से इस बार गेहूं गीला हो गया. जिसकी वजह से अधिक मात्रा में गेहूं मंडी में नहीं पहुंच पा रहा है. गेहूं की एमएसपी सरकार की तरफ से करीब 2552 निर्धारित की गई है. लेकिन अभी तक किसानों को यह मूल्य भी मिलने में समय लगेगा. क्योंकि कुछ समय पहले हुई बारिश से फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई.
.
Tags: Wheat crop
वेजिटेरियन हैं? प्रोटीन के लिए डाइट में शामिल करें 6 चीजें, नॉनवेज जितने ही मिलेंगे फायदे
महंगी कोचिंग छोड़ सस्ते में कराया एडमिशन, क्रिकेट की धुन में छोड़ी पढ़ाई, अब WTC Final में बचाई भारत की लाज
PHOTOS: पंडित प्रदीप मिश्रा पर भक्तों ने बरसाए फूल, कहां है उनकी कथा, किन्हें मिलेगा अभिमंत्रित रुद्राक्ष