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Bhilwara News: विष्णु के अवतार के रूप में यहां अवतरित हुए थे भगवान देवनारायण, गुर्जर समाज का है आस्था का केन्द्र

मालासेरी डूंगरी मंदिर पुजारी हेमराज पोसवाल ने कहा कि भगवान श्री देवनारायण विष्णु के अवतार माने जाते हैं. भगवान विष्णु क ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट-रवि पायक
भीलवाड़ा. भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर आसींद विधानसभा क्षेत्र में स्थित है. यह गुर्जर समाज के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री देवनारायण की जन्म स्थली. मान्यता है कि यहां की मालासेरी डूंगरी पर ही भगवान देवनारायण भगवान विष्णु के अवतार में अवतरित हुए थे. समाज के लोग ऐसा मानते हैं कि मालासेरी की डूंगरी (पहाड़ ) पर कमल के पुष्प के अंदर भगवान देवनारायण अवतरित हुए थे. अब यहां भगवान देवनारायण का मंदिर है, जो गुर्जर समाज की आस्था का बड़ा केंद्र है.

मालासेरी डूंगरी मंदिर पुजारी हेमराज पोसवाल ने कहा कि भगवान श्री देवनारायण विष्णु के अवतार माने जाते हैं. भगवान विष्णु की सवारी गुरूड़ है उसका भी अवतार नीले घोड़े लीलाधर के रूप में यहां हुआ था. भगवान विष्णु के शेषनाग का भी मालासेरी में अवतार हुआ था. मान्यता है कि भगवान देवनारायण ने संवत 968 में माघ सुदी सप्तमी तिथि शनिवार को सुबह 4 बजे मालासेरी की डूंगरी अवतार लिया था. पुजारी हेमराज पोसलवान ने बताया कि मंदिर में एक नीम का पेड़ ऐसा भी है, जिसका एक पत्ता कड़वा तो एक मीठा लगता है. यहां की एक विशेषता यह भी है कि यहां पर भगवान श्री देवनारायण के शेषनाग की भी एक गुफा है, जिसका दूसरा भाग मध्यप्रदेश में जाकर खुलता है.

लोक देवता के रूप में भगवान देवनारायण की ख्याति

श्रीदेवनारायण जन्म स्थली विकास समिति मालासेरी डूंगरी के अध्‍यक्ष जयदेव चाड़ का कहना है कि भगवान देवनारायण विष्णु के एक अवतार थे और उन्हें एक लोक देवता के रूप में पूजा जाता है. भगवान देवनारायण के पिता सवाई भोज (अजमेर) के शासक दुर्जनशाल से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये थे और देवनारायण की माता उस समय गर्भवती थी. इसलिए वो अपने पीहर देवास (मध्य प्रदेश) जा रही थीं, तो रास्ते में मालासेरी के जंगलों (आसींद के पास) में भगवान देवनारायण का जन्म हुआ. इसलिए मालासेरी को देवनारायण की जन्म स्थली माना जाता है.

यहां का पैनोरमा है आकर्षण का केंद्र

मालासेरी की डूंगरी पर भगवान देवनारायण के जन्म स्थान पर पैनोरमा भी बना हुआ है. करीब चार करोड़ रुपए की लागत से बने इस पैनोरमा में लोक देवता भगवान देवनारायण की जीवन-गाथा, शौर्य-शक्ति और भक्ति को दिखाया गया है. सवाई भोज, साडू माता और भगवान देवनारायण के एक साथ दर्शन इस पैनोरमा में किए जा सकते है.

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