भीलवाड़ा. राजस्थान में पिछले दिनों से देवी देवताओं को लेकर बवाल मचा हुआ है. हाल ही में मंदिर के तोड़े जाने वाले मामले में जमकर सियासी जंग देखने को मिली थी. अब भीलवाड़ा जिले में सरस्वती मां की प्रतिमा को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है. इसकी वजह जिला अधिकारी का आदेश है. दरअसल इस आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने मातहत अधिकारियों से पूछा कि 14 फवरी को स्कूलों में सरस्वती की प्रतिमा किसके आदेश से लगवाई गईं. इस आदेश के बाद भाजपा ने इस पर ऐतराज जताया है. साथ ही आरोप लगाया है कि ये विद्या की देवी सरस्वती की स्कूलों से प्रतिमाएं हटाने की साजिश है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया था आदेश
जानकारी के मुताबिक भीलवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के अधिकारियों को आदेश जारी कर पूछा कि उनके क्षेत्र में किन स्कूलों में 14 फवरी को सस्वती की प्रतिमाएं लगाई. ये भी पूछा कि ये प्रतिमाएं किसके के आदेश से लगवाई. दरअसल ये जानकारी एक आरटीआई में मांगी गई सूचना को दिए जाने थे. आरटीआई के आवेदन में तो सरस्वी मां के शिक्षा में योगदान, जन्म और पढाई जैसी जानकारी भी मांगी गई. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया कि ये जानकारी मांगना मां सरस्वती की प्रतिमा स्कूलों से हटाने की साजिश है.
कांग्रेस ने कहा भ्रम फैला रही भाजपा
वहीं इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे जानबूझ कर भ्रम फैला रहे हैं. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि राजस्थान सरकार को आरटीआई में आवेदन मिला, जिला शिक्षा अधिकारी ने पूछी गई जानकारी की सूचना अपने मातहत अधिकारियों से मांगी इसमें गलत क्या है. बता दें कि राजस्थान में स्कूलों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापति करना एक परंपरा बनी हुई है. अभी तक इस पर आपत्ति नहीं हुई. लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी के इस आदेश के बाद बीजेपी ने सवाल उठाने शुर कर दिए हैं कि इस आदेश का आखिर मकसद क्या है. ये सवाल इसलिए भी खड़ा हुआ कि इससे पहले राजस्थान सरकारन ने पुलिस थानों में मंदिर की स्थापना पर भी रोक लगा दी थी.
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