रवि पायक/भीलवाड़ा. वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में चटपटे खाने के तो कई ठिकाने हैं. लेकिन, यहां मीठा खाने वालों का सबसे पसंदीदा ठिकाना है शहर के महाराणा मार्केट स्थित दिलबहार कुल्फी व मावा सेंटर. यहां मावे से बनने वाला केक काफी स्पेशल है. इस दुकान पर मावे से 125 वैरायटी का केक बनाया जाता है. इस केक का भोग मंदिरों में भी लगता है. दिलबहार कुल्फी व मावा सेंटर के मालिक राजेश मखीजा कहते हैं कि भारत—पाक विभाजन के बाद मेरे दादाजी लीलाराम मखीजा भीलवाड़ा आए थे, तब से ही उनका परिवार मावा बनाने का काम कर रहा है. पाकिस्तान के सिंध में उनके पुरखे मावा बनाने का काम करते थे.
एक छोटे से ठेले से हुई थी शुरुआत
राजेश मखीजा ने बताया 1957 में मेरे दादाजी भीलवाड़ा में आए और एक छोटा सा ठेला लगाने मावा बनाने की शुरुआत की थी. अब 65 सालों में हमारी तीसरी पीढ़ी इस व्यापार को आगे बढ़ा रही हैं. बदलते समय के साथ मावे का केक बनाना शुरू किया. क्योंकि पिताजी शाकाहारी थे और अंडे से एलर्जी थी, जो सामान्य केक में डाला जाता है. उस सयम हम मावे से ही केक बनाकर पिताजी जन्मदिन पर काटते थे. फिर विचार आया कि क्यों न मावे से ही केक बनाया जाया. इसके बाद मावे से केक बनाना शुरू किया.
विदेशों तक जाता है यहां का मावे का केक
राजेश मखीजा ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, गुजरात के साथ ही दुबई और स्विजरलैंड तक हमारे मावे का केक सप्लाई होता है. दस दिनों तक मावे से बना केक खराब नहीं होता. 1 किलो से 51 किलो तक का मावे का केक बनाते है. हमारे यहां पर 450 प्रति किलो रुपए के भाव से मावे के केक की बिक्री होती है. यहां से खाटू श्याम और सालासर बालाजी सहित कई मंदिरों मावे का केक भेजा जा सकता है. 9828056567 इस नंबरों पर केक के लिए ऑर्डर किया जा सकता है.
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