रिपोर्ट : रवि पायक
भीलवाड़ा. अक्सर सड़क पर सफर करते समय या फिर किसी ढाबे और होटल पर आपने कई प्रकार के ट्रक और ट्रेलर देखे होंगे. ज्यादातर ट्रक तो साधारण होते हैं लेकिन कुछ ट्रकों पर आपकी निगाह एक पल को रुकती है. ये ट्रक सतरंगी और यूनिक दिखते हैं. कभी आपने सोचा है कि इन ट्रकों की साज सज्जा कैसे की जाती है और क्यों? भीलवाड़ा के र्हाइवे पर स्थित कुछ ऐसी दुकानें हैं, जहां ट्रकों, ट्रेलरों और ट्रैक्टरों आदि को सजाया जाता है. यहां के कारीगर वाहनों की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं.
यहां ट्रकों पर अलग-अलग तरह की बेल-चोटियां बनाई जाती हैं. गोल्डन कलर की रस्सियां भी लगाई जाती है और प्लास्टिक के फूलों से श्रृंगार किया जाता है. ट्रक मालिक भी अपनी डिमांड सजाने वाले के सामने रखता है और उसी तरीके से ट्रक को सजाया जाता है. इन ट्रकों को सजाने के पीछे कोई खास कारण नहीं, बस ट्रक मालिकों का शौक है. भीलवाड़ा में कुछ खास दुकानों पर यह शौक परवान चढ़ता है.
भीलवाड़ा के अजमेर जयपुर राजमार्ग पर दुकान लगाने वाले और ट्रक सजाने वाले मनीष शर्मा कहते हैं कि हमारे पास ट्रक डेकोरेट करने के कई सारे आइटम और सामान हैं. ज्यादातर हाईवे पर जो ट्रक चलते हैं उनकी सुंदरता में चार चांद लगाने का काम हम करते हैं. मैं लगभग 5 सालों से ट्रक, ट्रेलर, ट्रैक्टर को डेकोरेट करने का काम करता आ रहा हूं. जिस तरह एक दुल्हन को सजाने में कई घंटे लगते हैं उसी प्रकार ट्रक को सजाने में भी कई घंटे लगते हैं.
मनीष ने बताया कि उनके पास स्टीयरिंग के कई कवर, कपड़े और प्लास्टिक के अलग-अलग के आइटम,अलग-अलग तरह की बेल्ट और रेडियम स्टीकर मिलते हैं. एक ट्रक को सजाने में करीब 2 तो लग ही जाते हैं. ज्यादा डेकोरेशन हो तो कुछ ज्यादा टाइम भी और कम हो तो कुछ कम भी. मनीष के मुताबिक उनके पास 3 से 4 ट्रक रोजाना आ जाते हैं.
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