रिपोर्ट : निखिल स्वामी
बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर शहर में नवरात्रि और रमजान के दौरान सांप्रदायिक लगाव और आस्था की अनूठी तस्वीर देखने को मिल रही है. अलग-अलग धर्मों के लोग यहां प्रेमभाव से एक-दूसरे के त्योहार को साथ मिलकर मना रहे हैं. मुस्लिम समाज के लोग रोजा रख रहे हैं, तो कई हिंदू देवी के व्रत, यह बात तो कई जगह आम है, लेकिन बीकानेर में रमजान के महीने में कई हिंदू रोजा रखते हुए दिख जाएंगे और कई मुसलमान नवरात्रि के व्रत भी. गंगा जमुनी तहजीब के इस शहर में लोग कई पर्व हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बनते हैं.
बड़ी ईदगाह कमेटी के सदर हाजी फरमान अली ने बताया कि बीकानेर में हिंदू और मुस्लिम सदियों से एक साथ व्रत और रोजा रखते हैं और हम एक साथ रहते हैं. यह जो मिसाल है वो सबसे अलग है. बीकानेर में बहुत से हिन्दू भाई इफ्तार के लिए हमारे यहां आते हैं तो कई बार हम उनके यहां जाते हैं. उन्होंने कहा कि आस्था बड़ी होती है.
बीकानेर शहर निवासी हरीश आचार्य पिछले दस सालों से रोजा रख रहे हैं. इस बार भी रमजान में शिद्दत से अकीदम कर रहे आचार्य ने कहा वह हर शाम मुस्लिम समाज के लोगों के साथ रोजा खोलते हैं. आचार्य हर साल बार पांच या दस रोजे रखते हैं. उन्होंने कहा ‘मैंने इस्लाम को करीब से देखा है. मैं सभी धर्मों की इज्जत करता हूं तो इस्लाम की भी करता हूं.’
आचार्य ने कहा वह सुबह उठकर रोजा रखते हैं, तो ऊपरवाला अपने आप शक्ति देता है. उनके मुताबिक ऐसा करने वाले शहर में वह अकेले नहीं हैं बल्कि उनके कई हिंदू परिचित भी रोजा रखते हैं. आचार्य ने यह भी बताया कि उनके कई मुस्लिम परिचित भी हैं, जो इन दिनों में नवरात्रि के व्रत भी रखते हैं.
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