गुरुवार को अपनी स्वाभिमान रैली का न्यौता लेकर बीकानेर पहुंचे. यहां सर्व समाज की एक सभा में संबोधन के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामने की अटकलों पर बयान दिया है कि 'मैंने अभी कांग्रेस की तरफ कोई कदम नहीं उठाया है, 22 सितंबर को स्वाभिमान रैली में सर्वसमाज जो निर्णय करेगा, वहीं कदम उठाया जाएगा'. मानवेंद्र ने इस अवसर यह भी कहा कि स्वाभिमान रैली में हर जिले से लोग पहुंचेंगे. रैली में जो चर्चा होगी स्वाभिमान सेना जो निर्णय लेगी उसी के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी.
बीकानेर में सर्वसमाज सभा में मानवेंद्र सिंह ने कहा कि स्वाभिमानी लोग ही अब भविष्य का फैसला करेंगे. पचपदरा स्वाभिमान रैली में सर्वसमाज जो निर्णय लेगा वह सर्वमान्य होगा और उसी फैसले के आधार पर भविष्य तय होगा. बीकानेर के सरदार भवन में सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने पचपदरा रैली के लिए बीकानेर क्षत्रिय समाज से समर्थन मांगा.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा में उथल-पुथल मची हुई है. एक बड़े बदलाव के तहत संभावना जताई जा रही है कि राजस्थान के बाड़मेर के
में शामिल हो सकते हैं. मानवेंद्र के कांग्रेस में शामिल होने से इस सीट पर एक बार फिर दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि अभी तक इस खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है.
मानवेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय वित्त और विदेश मामलों के मंत्री जसवंत सिंह के बेटे हैं. लंबे समय से मानवेंद्र
की राज्य और केंद्रीय राजनीति में हासिए पर चल रहे हैं. 2014 में नरेंद्र मोदी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद उपेक्षित जसवंत सिंह के पुत्र को भाजपा में सम्मानजनक जगह मिलने की चर्चा थी, लेकिन राज्य इकाई खासकर सीएम वसुंधरा राजे से उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा. इस वजह से उन्हें पार्टी में सम्मानजनक जगह नहीं मिल पाया. 2014 के लोकसभा चुनाव में जसवंत सिंह को बाड़मेर सीट से टिकट नहीं दिया गया था. इसके विरोध में मानवेंद्र ने 2014 में पार्टी यानी भाजपा के पक्ष में प्रचार नहीं किया.
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FIRST PUBLISHED : September 13, 2018, 15:49 IST