बसपा नेता अभिनेष महर्षि ने थामा बीजेपी का दामन, बदल सकते हैं रतनगढ़ के समीकरण

अभिनेष महर्षि। फोटो : न्यूज 18 राजस्थान ।
चूरू जिले के बसपा के युवा नेता अभिनेष महर्षि ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. महर्षि ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी और बाद में बसपा होते हुए अब वे बीजेपी के खेमे में आए हैं.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: November 12, 2018, 12:56 PM IST
चूरू जिले के बसपा के युवा नेता अभिनेष महर्षि ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. महर्षि ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी और बाद में बसपा से होते हुए अब वे बीजेपी के खेमे में आए हैं. महर्षि ने सोमवार को दिल्ली में सीएम वसुंधरा राजे, राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर और वरिष्ठ नेता ओम माथुर की मौजूदगी में बीजेपी ज्वॉइन की.
कॉलेज समय से एनएसयूआई से जुड़े और संगठन में विभिन्न पदों पर रहे महर्षि ने वर्ष 2008 में रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. महर्षि बीजेपी के राजकुमार रिणवां से पराजित होकर दूसरे स्थान पर रहे थे. महर्षि युवक कांग्रेस व कांग्रेस में कई पदों पर रह चुके हैं. ब्राह्मण वोटों पर महर्षि का अच्छी पकड़ मानी जाती है. उसके बाद महर्षि ने गत लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था. बाद में उन्होंने 2014 में चूरू लोकसभा क्षेत्र से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा. वे तीन लाख से अधिक मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे थे.
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अब अभिनेष महर्षि के बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद रतनगढ़ के समीकरण बदलने की संभावना है. चूरू जिले की छह विधानसभा सीटों में से पहली सूची में केवल चूरू और सादुलपुर दो ही सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं. इनमें से चूरू से राजेन्द्र राठौड़ और सादुलपुर से पूर्व सांसद एवं विधायक रामसिंह कस्वां शामिल हैं. जिले की चार विधानसभा सीटों रतनगढ़, सरदारशहर, तारानगर और सुजानगढ़ से प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं. रतनगढ़ से अभी राजकुमार रिणवां विधायक हैं और वे राज्य सरकार में देवस्थान मंत्री हैं. रिणवां लगातार तीन बार से रतनगढ़ से विधायक हैं, लेकिन अभिनेष की बीजेपी में एंट्री से उन पर संकट आ सकता है.
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कॉलेज समय से एनएसयूआई से जुड़े और संगठन में विभिन्न पदों पर रहे महर्षि ने वर्ष 2008 में रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. महर्षि बीजेपी के राजकुमार रिणवां से पराजित होकर दूसरे स्थान पर रहे थे. महर्षि युवक कांग्रेस व कांग्रेस में कई पदों पर रह चुके हैं. ब्राह्मण वोटों पर महर्षि का अच्छी पकड़ मानी जाती है. उसके बाद महर्षि ने गत लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया था. बाद में उन्होंने 2014 में चूरू लोकसभा क्षेत्र से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा. वे तीन लाख से अधिक मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे थे.
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अब अभिनेष महर्षि के बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद रतनगढ़ के समीकरण बदलने की संभावना है. चूरू जिले की छह विधानसभा सीटों में से पहली सूची में केवल चूरू और सादुलपुर दो ही सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं. इनमें से चूरू से राजेन्द्र राठौड़ और सादुलपुर से पूर्व सांसद एवं विधायक रामसिंह कस्वां शामिल हैं. जिले की चार विधानसभा सीटों रतनगढ़, सरदारशहर, तारानगर और सुजानगढ़ से प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं. रतनगढ़ से अभी राजकुमार रिणवां विधायक हैं और वे राज्य सरकार में देवस्थान मंत्री हैं. रिणवां लगातार तीन बार से रतनगढ़ से विधायक हैं, लेकिन अभिनेष की बीजेपी में एंट्री से उन पर संकट आ सकता है.
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