चूरू के तारानगर कस्बे में केंद्र व राज्य सरकार से नाराज किसानों ने बीमा क्लैम, नहर व कर्जमाफी सहित अन्य मांगों को लेकर सीएम अशोक गहलोत व पीएम नरेंद्र मोदी के पुतले फुंककर नारेबाजी की है.
चूरू. जिले के तारानगर कस्बे सहित गांवों में अखिल भारतीय किसान सभा की जिला कमेठी के आह्वान पर गुरुवार को एसडीएम कार्यालय के आगे और आसपास के गांवों में सीएम अशोक गहलोत का पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया गया. तहसील के कालवास, धीरवास छोटा व बड़ा, मिखाला, चंगोई, बांय, भनीण, साहवा व बनियाला सहित अन्य गांवों में पुतला फूंक कर किसानों ने फसल बीमा क्लेम सहित मांगों को लेकर नारेबाजी की.
किसान सभा के प्रदेश कमेठी सदस्य निर्मल कुमार ने बताया कि किसानों ने किसानों ने अपने बीमा क्लेम, मुआवजे सहित विभिन्न मांगों को लेकर करीब 4 महीने से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की ओर से धरना-प्रदर्शन, घेराव, पड़ाव व चक्काजाम तक किया गया. इन प्रदर्शनों के बाद 18 जुलाई 2022 को प्रशासन के साथ हुई वार्ता में मांगों को लेकर लिखित सहमति मिली थी, जिसमें प्रशासन ने मौसम आधारित क्लेम के स्थान पर क्रॉप कटिंग रिपोर्ट के आधार पर बीमा क्लेम देने की सहमति दी थी.
किसानों की मांगों पर नहीं हुई कोई सुनवाई
प्रशासन द्वारा मौसम आधारित क्लैम के स्थान पर क्रॉप कटिंग रिपोर्ट के आधार पर बीमा क्लेम देने की सहमति हुई थी, लेकिन 8 महीने बाद भी किसानों की मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई है, जिसको अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से किसानों की कर्जमाफी, नहर का रकबा जोड़कर निर्माण कार्य करवाने, किसानों की जमीन कुर्की पर रोक लगाने सहित मांगों को लेकर चरणबद्ध ढंग से आंदोलन किया जा रहा है.
मौसम में बदलाव के कारण फसलें खराब
देश के कई हिस्सों में पिछले दिनों हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. नुकसान का असर चूरू जिले की कई तहसीलों व गावों में भी देखने को मिला है. फसलों के मुआवजे पर विपक्ष का कहना है कि सरकार ने किसानों की फसल खराब के मुआवजे के लिए जो आदेश दिए उसके मापदंड सही नहीं हैं. 33 फिसदी से कम गिरदावरी करने के निर्देश दिए जो सही नहीं है. इससे किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा है.
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