रिपोर्ट- नरेश पारीक
चूरू. अक्सर किन्नर समाज की पहचान मांगलिक कार्यो और शादी समारोह में नाच-गाकर बधाई मांगने की रही है. लेकिन जिले की एक किन्नर ऐसी है जो इस परिपाटी से कही आगे कभी एक माँ का फर्ज अदा कर रही है तो कभी भाई का.
60 वर्षीय किन्नर मंजू बाई अब तक करीब 50 बेटियों को गोद ले धर्म की बेटी बना भात भर चुकी है. मंजू बाई ने समाज मे एक मिशाल पेश करते हुए एक बिन माँ-बाप की बेटी को धर्म की बेटी बना भात की रस्म अदा की है.
किन्नर मंजू बाई ने बताया कि राजगढ़ की काली बाई को धर्म की बेटी बना रखा है.जिसके बेटी की शादी होने पर उन्होंने रावतसर पहुँच भात की रस्म अदा की है. मंजू बाई ने बताया कि काली के माता-पिता नहीं है तो उसे धर्म की बेटी बनाकर यह रस्म अदायगी की है. किन्नर मंजू बाई ने भात की रस्म अदायगी में अपनी धर्म की बेटी को 70 सूट,70 पेंट शर्ट,चद्दर, बर्तन,51 हजार रुपए नकदी सहित सोने -चांदी के आभूषण दिए हैं.किन्नर मंजू बताती है कि भले ही लोग उनको समाज की मुख्यधारा में नहीं मानते हो लेकिन इसके बावजूद भी वह अपना मानवता का धर्म निभाने में विश्वास रखती है. इस कार्य से उनको आत्मिक संतुष्टि मिलती है.
किन्नर समाज की चूरू प्रमुख हैं मंजू बाई
किन्नर मंजू बाई सामाजिक कार्यक्रमों में आगे रहती हैं.60 वर्षीय मंजू बाई अब तक करीब 50 भात भर चुकी है.साथ ही उन्होंने आमजन से अपील की है कि उन्हें भी आम व्यक्ति की तरह समझा जाए. किन्नर समझकर हीन भावना या समाज से अलग न देखा जाए.इस दौरान उनके साथ किन्नर समाज मौजूद रहा.
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