रिपोर्ट- नरेश पारीक
चूरू. राजस्थान के चूरू का बिनासर गांव जहां के ग्रामीणों का नवाचार देखने को मिला है. यहां रात के अंधेरे में गांव की सुरक्षा के लिए ग्रामीण रात को पहरा दे रहे हैं. इतना ही नही ग्रामीणों ने गांव में डिजिटल क्रांति का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करते हुए पहरे दारी की सूचना के लिए करीब 200 ग्रामीण युवाओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा है. जिसके जरिए ग्रामीण युवाओं को पता लग जाता है कि आज गांव के कौन से वार्ड में किसकी पहरे में ड्यूटी लगी है. जमीन से टकराती लाठी की आवाज और टॉर्च लिए गांव के युवा रात के अंधेरे में जागते रहो की आवाज दे ग्रामीणों को उनकी सुरक्षा का विश्वास दिलाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सर्दी की दस्तक के साथ ही चोर भी सक्रिय हो जाते हैं. ऐसे में ग्रामीणों की इस पहल से गांव में चोरी, पशु चोरी जैसी वारदातों को होने से रोका जा सकेगा.
ग्रामीणों की इस पहल को पुलिस ने सराहा
ग्रामीणों की इस पहल की डीएसपी राजेंद्र बुरड़क ने सराहना करते हुए कहा कि पुलिस के पास सीमित संसाधन है. ग्रामीण अगर चौकस रह गांव में रात को पहरा दे रहे हैं तो ऐसे में रात के अंधेरे में होने वाले अपराधों पर अंकुश लगेगा. डीएसपी राजेंद्र बुरड़क ने कहा बिनासर गांव के ग्रामीण अन्य गांवों के लिए एक मिसाल है.
पुलिस पब्लिक पंचायत से किया जागरूक
सदर थानाधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि हर माह थाना इलाके के एक गांव में पुलिस पब्लिक पंचायत का आयोजन किया जाता है. बिनासर गांव में भी करीब एक माह पहले इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. थानाधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों और पुलिस के बीच सवांद स्थापित करना था जिसके जरिए ग्रामीणों को नशा मुक्त और अपराध मुक्त गांव बनाने की दिशा में अपील की गई थी और उसी का नतीजा रहा कि ग्रामीणों ने नवाचार करते हुए गांव में पहरा देने का फैसला लिया और गांव को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया.
ग्रामीणों ने अपने स्तर पर लगवाएं कैमरे
बिनासर गांव के ग्रामीणों ने सर्दी की दस्तक के साथ ही ना सिर्फ गांव में पहरा देने का फैसला लिया बल्कि गांव में तकरीबन हर गली, मोहल्ले में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं. गांव के राजेन्द्र बलारा ने बताया कि गांव के मुख्य चौक में स्थित मंदिर में जनसहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. क्योकि अगर गांव में कोई आपराधिक वारदात हो भी तो अपराधी तक पहुंचने के लिए पुलिस को आसानी रहे.
पहरेदारों के लिए बनाया व्हाट्सएप ग्रुप
गांव के ही विजेंदर सिंह ने बताया कि पहरेदारी की सूचना के लिए ग्रामीण युवाओं ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है, तो व्हाट्सएप ग्रुप का नाम भी बिनासर पहरेदार सूचना है. व्हाट्सएप ग्रुप में करीब 200 ग्रामीण युवा जुड़े हुए हैं. जिसमे प्रतिदिन पहरे में लगने वाले पहरेदारों की सूचना दी जाती है. मोहर सिंह ने बताया कि एक वार्ड में करीब दो युवाओं की टीम रात 11 बजे से सुबह 4:30 बजे तक पहरा देती है. और कुछ भी संदिग्ध लगने पर उसे रोककर पूछताछ कर ही उसे आगे जाने दिया जाता है.
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