रिपोर्ट : दयाशंकर शर्मा
धौलपुर.रतालू की सब्जी जो दिखने में शकरकंद की तरह होती है. यह व्यापक रूप से अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में उगाई जाती है और इसकी 100 से अधिक किस्में हैं. गहरे भूरे और हल्के रंग की रतालू की सब्जी की खेती लंबे समय से हो रही है. रतालू इस क्षेत्र में लोगों के लिए जीवन का स्रोत है. कंद का रूप आमतौर पर सफेद, बैंगनी, नारंगी और गुलाबी रंग का होता है. यहां तक कि यह बहुत लोकप्रिय नहीं है. यह एक शक्तिशाली विटामिन और खनिज का भंडार है. यह आलू की तरह जमीन के नीचे उगता है.
धौलपुर जिले सरमथुरा उपखण्ड के खोखला गांव निवासी गया प्रसाद मीणा ने भी अपने खेत में रतालू को उगाया है. किसान ने बताया कि इसकी सब्जी बहुत अच्छी बनती है.यह कई बीमारियों में फायदेमंद होता है. किसान ने जब अपने खेत से रतालू को खोदकर बाहर निकाला तो रतालू केएक फल का वजन करीब 17 किलो था.
इस प्रकार बनाई जाती है रतालू की सब्जी
सब्जी बनाने के लिए साफ किए हुए रतालू को सबसे पहले कड़ाई में सरसों का तेल गर्म किया जाता है. इसके बाद धीमी आंच करके तेल में जीरा, हरी मिर्च, अदरक, हींग, धनिया पाउडर, लाल मिर्च, हल्दी डालकर धीमी आंच पर पकाया जाता है. मसाला अच्छा पकने के बाद कड़ाई में कटे हुए रतालू डाले जाते हैं.
अच्छी तरह मिलाने के बाद कड़ाई में स्वादानुसार नमक डाला जाता है. इसके बाद कड़ाई को ढक्कर धीमी आंच पर सब्जी को पकाया जाता है. सब्जी पकने के बाद कड़ाई में आमचूर पाउडर डालकर अच्छी तरह से मिलाया जाता है. कुछ इस तरफ से बनाई जाती है रतालू की सब्जी. इसे गर्मा गर्म रोटी और पराठे के साथ परोसा जाता है.
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