सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने जब स्कूल में कक्षाओं की कमी के बारे में पशुपालक मादु रेबारी को बताया तो उन्होंने बिना कोई सवाल पूछे पैसे दान कर दिए. (न्यूज 18 हिन्दी)
डूंगरपुर. आपने बड़े-बड़े पूंजीपतियों या फिर धनकुबेरों की ओर से बड़ी राशि दान करने की बात सुनी होगी. धन-धान्य से संपन्न लोग विभिन्न मदों में भारी-भरकम राशि दान करते रहते हैं. आपने किसी छोटे किसान द्वारा दान देने की खबर शायद ही सुनी होगी. आमतौर पर किसानों की ओर से आर्थिक मदद की गुहार लगाने की बात ही आपके जेहन में आती होगी. आज हम आपको एक ऐसे दानवीर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके पास सिर्फ 2 भैंसें हैं. उन्होंने दूध बेचकर किसी तरह से 3 लाख रुपये इकट्ठे किए थे. सकूल में कक्षा निर्माण की बात आई तो उन्होंने बेझिझक पाई-पाई दान कर दिया.
डूंगरपुर जिले के ढाणी घटाऊ गांव निवासी एक वृद्ध पशुपालक ने अनूठी मिसाल पेश की है. गांव निवासी पशुपालक एवं दूध विक्रेता 65 वर्षीय मादु रेबारी ने दूध बेचकर जमा की गई पाई-पाई अपने गांव के स्कूल को कक्षा और हॉल निर्माण के लिए दान दे दी, गांव के बच्चे पक्की छत के नीचे पढ़ाई कर अपना भविष्य बना सकें. मादु रेबारी ने बताया कि उनकी पत्नी और संतान नहीं हैं. मादु एकाकी जीवन जीते हुए पशुपालन तथा दूध बेचकर अपना गुजारा करते हैं. एक दिन ढाणी घटाऊ गांव के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल महेश व्यास ने मादु रेबारी को स्कूल भवन की समस्या के बारे में बताया.
स्कूल के प्रिंसिपल महेश व्यास ने बताया कि स्कूल में हॉल ओर कक्षा की कमी है, जिस कारण बच्चों के अध्ययन में काफी समस्या आ रही है. इतना सुनते ही मादु रेबारी ने स्कूल को आर्थिक सहयोग करने का फैसला किया और दूध बेचने से हुई अपनी आय में से 3 लाख रुपये ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से स्कूल को दान कर दिए. इसके बाद मादु रेबारी से प्रेरित होकर अन्य भामाशाह भी आगे आये और स्कूल में निर्माण कार्य के लिए स्वेच्छा से दान दिया. मादु रेबारी का कहना है कि उनका खुद की कोई संतान नहीं है, ऐसे में गांव के स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों को वह अपनी संतान के समान मानते हैं.
मादु ने रेबारी ने बताया कि भविष्य में फिर अगर स्कूल को उनकी मदद की जरूरत होगी तो वह अपने स्तर से हर संभव प्रयास करेंगे. इधर स्कूल के प्रिंसिपल महेश व्यास का कहना है कि मादु रेबारी की पहल से स्कूल में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शीघ्र ही नई कक्षा तथा हॉल की सौगात मिलेगी. कक्षा बनने के बाद छात्र बरामदे के बजाय कमरे में पढ़ाई कर सकेंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Dungarpur news, Rajasthan news