जुगल कलाल
डूंगरपुर. राजस्थान के आदिवासी बाहुल डूंगरपुर जिले में टीबी (तपेदिक) की बीमारी सबसे ज़्यादा पाई जाने वाली बीमारियों में से एक है. टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे में फैलती है. आम तौर पर टीबी की शुरुआत फेफड़ों से शुरू होती है. सबसे ज्यादा टीबी फेफड़ों की होती है. लेकिन, यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है.
राजकीय चिकित्सालय के डॉ. देवेश मीणा ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा लगातार खांसी, खांसी के साथ बलगम आ रहा हो, कभी-कभार खून भी, भूख कम लगना, लगातार वजन कम होना, शाम या रात के वक्त बुखार आना, सर्दी में भी पसीना आना, सांस उखड़ना या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना, इनमें से कोई भी लक्षण हो सकता है. वहीं, कई बार टीबी होने होने वाले व्यक्ति में यह लक्षण भी नहीं होते. जो खान-पान का ध्यान नहीं रखते उन्हें टीबी होने की संभावना ज्यादा होती है. क्योंकि कमजोर इम्यूनिटी से उनका शरीर बैक्टीरिया का वार नहीं झेल पाता.
टीबी से बचने के आसान उपाय
डॉ. देवेश मीणा ने बताया कि यदि दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी रहती है तो डॉक्टर को दिखाएं और बलगम की जांच कराएं. बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखें. रोगी से मिलने जा रहे हों तो मास्क पहनें. आपके आस-पास कोई बहुत देर तक खांस रहा है, तो उससे दूर रहें. किसी बीमार व्याक्ति से मिलने के बाद अपने हाथों को जरूर धो लें. पौष्टिक आहार लें जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर हों, क्योंकि पौष्टिक आहार हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है.
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