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लो आ गई उनकी याद: डूंगरपुर में बजती है डुगडुगी कि छुपा है यहीं कहीं लता के अविवाहित होने का राज

Love Story of Dungarpur: लता को क्रिकेट से अथाह प्रेम था. सचिन तेंदुलकर के बयान भी बताते हैं कि लता लगभग हर क्रिकेट मैच ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : जुगल कलाल

डूंगरपुर. हमने लैला मजनूं को नहीं देखा, न ही शीरीं फरहाद को. मगर इनकी प्रेम कहानियां लोकश्रुतियों से चलती हुई हम तक पहुंचीं और वैलंटाइंस डे के मौकों पर लगातार याद आती रहीं. ऐसी ही एक प्रेम कहानी डूंगरपुर में भी याद की जाती है. यह कहानी है सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर और क्रिकेट प्रशासक राजसिंह डूंगरपुर की.

वैसे याद दिला दें कि बीते साल 6 फरवरी को लता मंगेशकर हमसब को विदा कह एक ऐसी अजानी दुनिया में चली गईं, जहां से लौटकर कोई नहीं आता. तो ऐसे वक्त में लता से जुड़ी कहानियां याद आती ही हैं और जब ताउम्र अविवाहित रहीं लता की कहानी में प्रेम का अंश सुनाई देता है, तो इस वैलंटाइंस वीक में उसकी चर्चा होना स्वाभाविक है.

लता और डूंगरपुर हॉस्पिटल का रिश्ता

डूंगरपुर के लोगों के मुताबिक, दोनों का प्रेम इतना गहरा था कि राजसिंह के कहने पर डूंगरपुर हॉस्पिटल में लता मंगेशकर ने 25 लाख रुपए की लागत से एक हॉल बनवाया था. यह बात 2007-08 की है. तब लता राज्यसभा सांसद थीं. आदिवासी इलाके में मातृ-शिशु कल्याण के लिए यह राशि दी गई थी. शुरू में यहां गायनी ओपीडी चलाई गई. लेकिन, अब एआरटी सेंटर चल रहा है. इस हॉल पर लगी अनावरण पट्टिका इस बात की तस्दीक करती है कि इस हॉल का जुड़ाव लता से रहा है. इस हॉल की पहचान अब भी लता मंगेशकर के नाम से ही है.

क्रिकेट से क्रिकेटर प्रेम तक

कई मीडिया रिपोर्ट्स बताती है कि लता को क्रिकेट से अथाह प्रेम था. सचिन तेंदुलकर के बयान भी बताते हैं कि लता लगभग हर क्रिकेट मैच देखा करती थीं. इधर, राजसिंह डूंगरपुर भी क्रिकेट से प्रशासक के तौर पर जुड़े रहे. दोनों के बीच क्रिकेट की यह एक सी रुचि ही उस प्यार की बुनियाद थी, जिसे राजसिंह के परिवार ने स्वीकार नहीं किया. नतीजतन दोनों ताउम्र अविवाहित रहे.

साथ चल नहीं सके, पर किया साथ काम

यह जगजाहिर है कि लता क्रिकेट की दीवानी थीं और राजसिंह लता के गानों के दीवाने. कहा यह भी जाता है कि राज अपनी जेब में अक्सर लता के गानों का एक कैसेट लेकर चलते थे. एक दौर में यह चर्चा भी खूब रही कि जब राज ने अपने पिता से लता संग शादी करने की इच्छा जताई तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया. कहा कि एक आम लड़की राजघराने की बहू नहीं बन सकती. पिता के इस इनकार के बावजूद लता और राज का साथ नहीं छूटा. कई चैरिटी में दोनों ने साथ काम किया. हालांकि, दोनों की मोहब्बत केवल याद बनकर रह गई है.

जानें राजसिंह डूंगरपुर को

राजसिंह का जन्म राजस्थान के डूंगरपुर में 19 दिसंबर 1935 को हुआ था. राज सिंह ने 1955 से 1971 के दौरान 86 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे. उन्होंने 16 सालों तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला था और करीब 20 सालों तक BCCI से जुड़े रहे. यह भी इत्तफाक रहा कि जिस महीने लता का जन्म हुआ था, उसी महीने की 12 तारीख को राजसिंह का निधन हुआ. बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को हुआ था, जबकि राजसिंह डूंगरपुर का निधन 12 सितंबर 2009 को हुआ था.

Tags: Dungarpur news, Lata Mangeshkar, Love Story

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