जुगल कलाल
डूंगरपुर. आमतौर पर लोगों पैसे की बचत करते हैं ताकि बुढ़ापे में बचत उनका सहारा बन सके. लेकिन, डूंगरपुर के 65 साल के पशुपालक व दूध विक्रेता ने पाई-पाई कर पैसा जोड़ा और अपने गावों के बच्चों को पढ़ने के स्कूल में बेहतर छत नसीब हो सके. इसलिए स्कूल में 3 लाख रुपये दान कर दिए. ये काम किया है धाणी घटाउ के मादू रैबारी ने. अब मादू की पूरे गांव व जिले में सराहना हो रही है और वे अन्य लोगों भी स्कूलों में दान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
दरअसल, डूंगरपुर जिले के दोवड़ा ब्लॉक के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धाणी घटाऊ में कक्षा एक से आठ तक 115 का नामांकन है. लेकिन स्कूल में चार ही कक्षा कक्ष हैं. इनमें एक कक्ष स्कूल के प्रधानाचार्य व स्टाफ के लिए है. वहीं एक कक्ष भण्डार गृह के लिए है. शेष दो कक्षों में आठ कक्षाओ को बैठाना मुश्किल हो रहा है था. स्कूल की समस्या को देखते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य ने गांव के भामाशाहों को प्रेरित करने के लिए योजना बनाई.
इस पर गांव से ढाई लाख रुपए की राशि एकत्रित कर स्कूल में हॉल निर्माण की नींव रखी गई. इसके बाद उक्त राशि से हॉल के पिल्लर व आरसीसी खड़े किये गए. लेकिन, कम राशि होने से से निर्माण अधूरा रह गया. इसके बाद एक दिन ढाणी घटाऊ गांव के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल महेश व्यास ने गांव के मादू रेबारी को स्कूल भवन की समस्या के बारे में बताया. प्रिंसिपल महेश व्यास ने बताया कि स्कूल में हॉल और कक्षा-कक्षो की कमी है, जिस कारण बच्चो के अध्ययन में काफी समस्या आ रही है.
इतना सुनते ही मादू रेबारी ने स्कूल को आर्थिक सहयोग करने का फैसला किया और दूध बेचने से हुई अपनी आय के 3 लाख रुपये ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से स्कूल को दान कर दिए. इसके बाद मादु रेबारी से प्रेरित होकर अन्य भामाशाह भी आगे आए और स्कूल में निर्माण कार्य के लिए स्वेच्छा से दान दिया.
गांव के बच्चों को अपना मानते हैं
मादू रेबारी ने बताया कि उनके पत्नी और संतान नहीं हैं. वे एकाकी जीवन जीते हुए पशुपालन तथा दूध बेचकर अपना गुजारा चलाते हैं. ऐसे में गांव की स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चो को वो अपनी संतान के समान मानते हैं. मादू ने कहा कि भविष्य में फिर अगर स्कूल को उनकी मदद की जरूरत होगी तो वे अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करेंगे.
इधर, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धाणी घटाऊ के प्रिंसिपल महेश व्यास का कहना है कि मादू रेबारी की पहल से स्कूल में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो को शीघ्र ही नए कक्षा-कक्ष तथा हॉल की सौगात मिलेगी. वहीं निर्माण पूर्ण होने के बाद स्कूल में कक्षा-कक्षों की कमी दूर हो जाएगी और बच्चो को पढने में आसानी होगी.
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