रिपोर्ट: जुगल कलाल
डूंगरपुर. एक हाथी वन विभाग के लिए काफी खर्चीला साबित हो रहा है. इस हाथी की सेवा में वन विभाग के 60 हज़ार से ज्यादा रुपये प्रतिमाह खर्च हो रहे हैं. विभाग पिछले 14 महीने में 8 लाख 40 हज़ार रुपये इस हाथी पर खर्च कर चुका है. रोजाना अधिकारी से लेकर कर्मचारी इसी की सेवा में जुटे रहते है. हाथी के नहाने से लेकर खाने, पीने और खयाल रखने का जिम्मा वन विभाग के पास तब आया जब 28 नवंबर 2021 को चौरासी क्षेत्र के बसिया गांव में दो महावतों को गिरफ्तार किया गया था.
असल में ये महावत बिना अनुज्ञा पत्र एवं स्वीकृति के हाथी के साथ भ्रमण कर रहे थे. वन विभाग के तत्कालीन अधिकारी हरिश्चंद्र सिंह बायडी ने इन्हें पकड़ लिया था. तबसे मामला कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए कोर्ट के आदेश तक हाथी को पालना विभाग की मजबूरी बनी हुई है. दिल्ली की एक संस्था ने हाथी की देखरेख के लिए एक महावत को काम पर लगाया है. महावत रोजाना हाथी को आस पास घुमाने का भी काम करता है. लेकिन रोजाना चारे से लेकर हर तरह का खर्च वन विभाग का ही है.
डूंगरपुर के डीएफओ सुगमा राम जाट ने बताया हाथी को रोजाना गन्ने, पीपल के पत्ते और गुड़ दिया जाता है. 1500 रुपये से ज्यादा तो गन्ने का ही रोजाना खर्च है. प्रतिदिन हाथी की खुराक पर औसतन 2000 रुपये वन विभाग खर्च कर रहा है. जाट ने बताया जोधपुर कोर्ट से जैसे ही आदेश आएगा, उसके हिसाब से हाथी के लिए व्यवस्था की जाएगी. इस हाथी को लेकर विभाग ने कोर्ट से पूछा था तब दिल्ली की एक संस्था को हाथी सौंपने का सुझाव मिला. वहीं, गिरफ्तार दो महावत अभी जमानत पर रिहा हैं.
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