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Dungarpur News : साइकिल से 28 राज्यों की यात्रा पर निकले कोलकाता के साहिल, जानिए मकसद

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साहिल

साहिल झा 

साहिल झा ने बताया कि 11 महीने पहले 10 बोर्ड की परीक्षा देने के बाद सेव द सॉइल कि यात्रा की कोलकाता से शुरूवात की थी. अ ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- जुगल कलाल

डूंगरपुर. दुनिया भर में ‘मिट्टी बचाओ’ आंदोलन की शुरुआत करने वाले सद्गुरु जग्गी वासुदेव से प्रेरित होकर, 17 वर्षीय साहिल झा इसी संदेश को फैलाने और भूख संकट को रोकने के लिए पूरे भारत में साइकिल चला रहे हैं. कोलकाता से शुरुआत करते अभी तक 11 राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक,महाराष्ट्र गुजरात और अब साहिल यात्रा राजस्थान में एंट्री कर चुकी है. साहिल राजस्थान के डूंगरपुर जिले प्रवेश कर चूके हैं. साहिल भारत के सभी 28 राज्यों की यात्रा पर निकले है. जिसमें उन्हें 16 महीनों का समय लगेगा.

साहिल के डूंगरपुर प्रवेश करने पर मेडीकल कॉलेज में साहिल का स्वागत किया गया. साहिल ने मेडीकल कॉलेज में सेव दे सॉइल उनके मिशन के बारे में लोगों को बताया. साहिल ने बताया मिट्टी हमारी जिंदगी कितना महत्त्व इसके बारे में बताया. वहीं, उन्होंने कहा कि मिट्टी जो है वो एक रेगिस्तान में बदलती जा रही है. जिसके चलते आने वाले समय कई सारी बीमारियां आएंगी. मिट्टी कम होने की वजह से धरती भी कमजोर हो रही है. अगर मिट्टी संरक्षण किया तो पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो हम सुरक्षित रहेंगे.

लोगों देते हैं मिट्टी बचाओ का संदेश

साहिल झा ने बताया कि 11 महीने पहले 10 बोर्ड की परीक्षा देने के बाद सेव द सॉइल कि यात्रा की कोलकाता से शुरूवात की थी. अभी 11 राज्यों को पार कर राजस्थान प्रवेश किया है. साहिल देश के सभी 28 राज्यों में साइकिल से यात्रा करेंगे. उनकी ये यात्रा 15 अगस्त 2023 को कोलकाता पहुंचकर खत्म हो गई. आगे उन्हों बताया कि उनकी यात्रा का मकसद है मिट्टी का संरक्षण करना और वो चाहते है कि सरकार मिट्टी संरक्षण करने के लिए कानून लाए ताकि मिट्टी संरक्षण हो सके और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा. तभी लोगों की जिंदगी सुरक्षित रहेगी. साहिल जहां भी जाते हैं लोगों, राजनेताओं, सामाजिक क्लबों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा स्वागत किया जाता है, वे अपने मिशन के बारे में बात करते हैं, और बताते हैं कि मिट्टी को बचाना और भूख संकट को रोकना कितना महत्वपूर्ण है.

जहां मिला ठिकाना उसी बना देता है आशियाना

साहिल अपने साथ कपड़ों के अलावा लैपटॉप, मोबाइल, गोप्रो और एक पावर बैंक जैसे कुछ गैजेट रखते हैं. साहिल बताते हैं कि वे जहां जगह मिलती है वहीं सो जाता है और जो कुछ भी उपलब्ध होता है उसे खा लेते हैं. अगली सुबह एक ताज़ा मुस्कान के साथ अपनी यात्रा दुबारा शुरू कर देता है.

Tags: Dungarpur news, Rajasthan news

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