मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं : गजेंद्र सिंह शेखावत

मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लगातार कई ट्वीट कर गहलोत सरकार पर हमला बोला है.
मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने अपने ट्वीट में गहलोत सरकार पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस तरह हासिल किया गया विश्वासमत वास्तव में जनता से किया गया छल था.
- News18Hindi
- Last Updated: November 28, 2020, 7:13 PM IST
जयपुर. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय (Mahendrajeet Singh Malviya) के वायरल वीडियो (Viral Video) के बाद जोधपुर लोकसभा सीट के सांसद और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा दिया है. उन्होंने लगातार कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बयान पर सीएम अशोक गहलोत से इस्तीफा मांगा है. शेखावत ने कहा 'जहां गहलोत जी ने एक तरफ बाड़ेबंदी की कहानी चलाई वहीं दूसरी तरफ खरीद फरोख्त का चक्रव्यूह भी रचा और जनता को गुमराह कर अपने छल से ध्यान हटाने के लिए भाजपा पर लगातार प्रहार किए। लेकिन अब खुद ही इस षड्यंत्र के सारे रहस्य बाहर आ रहें हैं। अशोक जी, जनता सब देख रही है!'
मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस तरह हासिल किया गया विश्वासमत वास्तव में जनता से किया गया छल था. उन्होंने ट्वीट किया 'राज्य सरकार द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त़ कर विधानसभा में हासिल किया गया विश्वास मत वास्तव में जनता से किया गया छल था, इसी प्रकार राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत भी संदेहास्पद है।'
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोकतात्रिक मूल्यों और जनमत से खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने ट्वीट किया 'गहलोत सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों और जनमत से खिलवाड़ कर रही यह किसी से छिपा नहीं है, पर अब पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय की आम जनता के सामने स्वीकारोक्ति से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।'
आपको बता दें कि एक वीडियो वायरल हुआ है. यह वीडियो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का 25 नवंबर का बताया जा रहा है. इसमें बांसवाड़ा स्थित आनंदपुरी की मुंदरी पंचायत में मालवीय यह कहते हुये बताये जा रहे हैं कि डूंगरपुर वाले बीटीपी के दोनों विधायकों ने 10 -10 करोड़ रुपए लिए हैं. राज्यसभा चुनाव के दौरान 5-5 करोड़ रुपए और सरकार पर सियासी संकट के समय भी 5-5 करोड़ रुपए लिए हैं. मालवीय इस वीडियो में आगे कहते हैं कि मुझे तो कोई दस करोड़ दे तो मैं चुपचाप घर चला जाऊंगा. लेकिन बीटीपी के दोनों विधायकों को पैसे खा कर मस्ती सूझी है.
मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस तरह हासिल किया गया विश्वासमत वास्तव में जनता से किया गया छल था. उन्होंने ट्वीट किया 'राज्य सरकार द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त़ कर विधानसभा में हासिल किया गया विश्वास मत वास्तव में जनता से किया गया छल था, इसी प्रकार राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत भी संदेहास्पद है।'
गहलोत सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों और जनमत से खिलवाड़ कर रही यह किसी से छिपा नहीं है, पर अब पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय की आम जनता के सामने स्वीकारोक्ति से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।/1#Rajasthan pic.twitter.com/YEzgZymCvj
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) November 28, 2020
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोकतात्रिक मूल्यों और जनमत से खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने ट्वीट किया 'गहलोत सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों और जनमत से खिलवाड़ कर रही यह किसी से छिपा नहीं है, पर अब पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय की आम जनता के सामने स्वीकारोक्ति से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।'
आपको बता दें कि एक वीडियो वायरल हुआ है. यह वीडियो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय का 25 नवंबर का बताया जा रहा है. इसमें बांसवाड़ा स्थित आनंदपुरी की मुंदरी पंचायत में मालवीय यह कहते हुये बताये जा रहे हैं कि डूंगरपुर वाले बीटीपी के दोनों विधायकों ने 10 -10 करोड़ रुपए लिए हैं. राज्यसभा चुनाव के दौरान 5-5 करोड़ रुपए और सरकार पर सियासी संकट के समय भी 5-5 करोड़ रुपए लिए हैं. मालवीय इस वीडियो में आगे कहते हैं कि मुझे तो कोई दस करोड़ दे तो मैं चुपचाप घर चला जाऊंगा. लेकिन बीटीपी के दोनों विधायकों को पैसे खा कर मस्ती सूझी है.