Gehlot Vs Pilot: सुलह के प्रयासों के बीच विश्वेन्द्र का रीट्वीट, कहा- दोबारा गर्म चाय में मिठास नहीं होती

Gehlotvs Pilot: पायलट खेमे के विधायक विश्वेन्द्र सिंह पहले भी अपनी बयानबाजी और ट्वीट्स को लेकर चर्चा में रह चुके हैं.
Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot: दोनों खेमों में लंबी सियासी लड़ाई के बाद शुरू हुई सुलह की कोशिशों के बीच पायलट खेमे के विधायक विश्वेन्द्र सिंह की ओर से एक ट्वीट को रिट्वीट किये जाने से कांग्रेस में चर्चाओं का दौर फिर चल पड़ा है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: February 23, 2021, 2:07 PM IST
जयपुर. लंबी सियासी गुटबाजी के बाद आखिरकार सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot) खेमे में सुलह की कोशिशें शुरू हो गई हैं. मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की हुई एसएलपी वापस लेने के लिए अपने वकील को पत्र लिख दिया है. रविवार को दिल्ली में जोशी ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात की और उसके बाद एसएलपी वापस लेने की कवायद शुरू कर दी.
इसे प्रदेश कांग्रेस में सुलह की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन क्या पार्टी में सब कुछ पहले जैसा होगा और दूरियां वास्तव में पट पाएगी इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह द्वारा एक ट्वीट को किए गए रीट्वीट ने इन कयासों को और ज्यादा हवा दे दी है. विश्वेन्द्र सिंह ने अपने इस रीट्वीट के जरिये संकेत दिये हैं कि सुलह की कोशिशें भले ही की जा रही हों लेकिन स्थितियां पहले जैसी होना आसान नहीं है.
विश्वेंद्र की ट्वीट पर चर्चाएं
पायलट खेमे के विधायक एवं पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जिस ट्वीट को रीट्वीट किया है उसमें लिखा गया है कि "दोबारा गर्म की हुई चाय और समझौता किया हुआ रिश्ता दोनों में पहले जैसी मिठास कभी नहीं आती". इस ट्वीट के मायने आसानी से समझे जा सकते हैं कि भले ही दूरियां पाटने का दिखावा हो लेकिन रिश्ते पहले जैसे नहीं हो सकता है. यानि रिश्तों की डोरी जुड़ी भी तो उसमें गांठ हमेशा बनी रहेगी.
दोनों खेमों में तलवारें अब तक खिंची हुई है
गौरतलब है कि पिछले साल प्रदेश में बड़ा सियासी संकट खड़ा हुआ था और दोनों खेमों की ओर एक-दूसरे के खिलाफ जमकर जहर उगला गया था. प्रदेश में सियासी संकट भले ही तब टल गया लेकिन दोनों खेमों में तलवारें अब तक खिंची हुई है. अब आलाकमान के निर्देश के बाद सुलह की कोशिशें शुरू की गई है लेकिन यह सब इतना आसान नहीं है.
अपनी बयानबाजी और ट्वीट्स को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं सिंह
पायलट खेमे के विधायक विश्वेन्द्र सिंह पहले भी अपनी बयानबाजी और ट्वीट्स को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं. सियासी संग्राम के दौरान भी सिंह ने तंज कसने वाले कई ट्वीट किये थे. उस समय भी उनके ट्वीट सियासत को गरमाते रहे हैं. अब एक बार फिर सिंह ने अपने ट्वीट के जरिये ने शगूफा छोड़ दिया है.
इसे प्रदेश कांग्रेस में सुलह की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है. लेकिन क्या पार्टी में सब कुछ पहले जैसा होगा और दूरियां वास्तव में पट पाएगी इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह द्वारा एक ट्वीट को किए गए रीट्वीट ने इन कयासों को और ज्यादा हवा दे दी है. विश्वेन्द्र सिंह ने अपने इस रीट्वीट के जरिये संकेत दिये हैं कि सुलह की कोशिशें भले ही की जा रही हों लेकिन स्थितियां पहले जैसी होना आसान नहीं है.
विश्वेंद्र की ट्वीट पर चर्चाएं
पायलट खेमे के विधायक एवं पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जिस ट्वीट को रीट्वीट किया है उसमें लिखा गया है कि "दोबारा गर्म की हुई चाय और समझौता किया हुआ रिश्ता दोनों में पहले जैसी मिठास कभी नहीं आती". इस ट्वीट के मायने आसानी से समझे जा सकते हैं कि भले ही दूरियां पाटने का दिखावा हो लेकिन रिश्ते पहले जैसे नहीं हो सकता है. यानि रिश्तों की डोरी जुड़ी भी तो उसमें गांठ हमेशा बनी रहेगी.

विश्वेन्द्र सिंह की ओर से किया गया रिट्वीट
दोनों खेमों में तलवारें अब तक खिंची हुई है
गौरतलब है कि पिछले साल प्रदेश में बड़ा सियासी संकट खड़ा हुआ था और दोनों खेमों की ओर एक-दूसरे के खिलाफ जमकर जहर उगला गया था. प्रदेश में सियासी संकट भले ही तब टल गया लेकिन दोनों खेमों में तलवारें अब तक खिंची हुई है. अब आलाकमान के निर्देश के बाद सुलह की कोशिशें शुरू की गई है लेकिन यह सब इतना आसान नहीं है.
अपनी बयानबाजी और ट्वीट्स को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं सिंह
पायलट खेमे के विधायक विश्वेन्द्र सिंह पहले भी अपनी बयानबाजी और ट्वीट्स को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं. सियासी संग्राम के दौरान भी सिंह ने तंज कसने वाले कई ट्वीट किये थे. उस समय भी उनके ट्वीट सियासत को गरमाते रहे हैं. अब एक बार फिर सिंह ने अपने ट्वीट के जरिये ने शगूफा छोड़ दिया है.