संसदीय मामलों के जानकारों के मुताबिक आगे सदन की बैठक बुलनाना अब स्पीकर पर निर्भर है. वे चाहें तो बैठक बुलाई जा सकती है.
जयपुर. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में बुधवार का दिन इतिहास में दर्ज हो गया. सत्तापक्ष के मंत्रियों और विधायकों के बेवजह हमलावर होने से खफा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी (Dr. CP Joshi) ने विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर सत्तापक्ष के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. मामला उस वक्त भड़का जब दो बार लगातार शोर शराबे और हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही शाम 6 बजे फिर शुरू हुई. विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के बाद अब आगे बैठक तभी बुलाई जा सकती है जब विधानसभा नए सिरे से बुलेटिन जारी करे.
दरअसल बुधवार को सदन के पटल पर मंत्री शांति धारीवाल शादियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर बिल रख चुके थे. उस दौरान आसन पर स्पीकर जोशी खुद थे. उन्होंने तमाम सदस्यों से आह्वान किया कि आज अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस है. कृपया सदन की गरिमा बनाये रखें. लेकिन मंत्री शांति धारीवाल, गोविंद डोटासरा, डॉक्टर रघु शर्मा और प्रताप सिंह खाचरियावास चुप होने को तैयार नहीं थे. स्पीकर ने सख्त हिदायतें दी और कहा कि मंत्रियों से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं कि जाती है. अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी. जब मंत्री नहीं माने तो स्पीकर को गुस्सा आ गया और उन्होंने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. इससे सत्तापक्ष में हड़कंप मच गया.
मंत्री धारीवाल और विधानसभा स्पीकर जोशी में हुई भिड़ंत
इससे पहले ससंदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी में भिडंत हो गई. धारीवाल अध्यक्ष के सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाने के आदेश देने के बाद बोलना चाहते थे लेकिन स्पीकर ने अुनमति नहीं दी. धारीवाल को बार बार टोकने के बावजूद वे नहीं माने तो नाराज स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सदन में भिड़ने से हुए हंगामे के कारण कार्यवाही दो बार पहले स्थगित हो चुकी थी।
स्पीकर बोले पहले जो हुआ उसे भूलिए और आगे बढ़िए
उसके बाद छह बजे फिर से कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर ने कहा कि पहले जो हुआ उसे भूलिए और आगे बढ़िए. आज बिल पारित होने के दौरान जिस तरह की डिबेट हुई थी वह सही नहीं थी. अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का हवाला देते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि बिल पर चर्चा जिस ढंग से हो रही थी वह नियम के हिसाब से नहीं थी. डिबेट ऐसी लंबी कर दी जैसे डिमांड पर चर्चा हो. आज बिल पर बहस विषय के अनुसार नहीं थी. जो कुछ हुआ उसे भूलना चाहिए और आगे इस गलती को दोहराए नहीं.
पक्ष विपक्ष के विधायक स्पीकर को मनाने पहुंचे
अध्यक्ष के फैसले से सत्ता पक्ष सकते में आ गया. कांग्रेस और बीजेपी विधायक स्पीकर सीपी जोशी को मनाने उनके चैंबर में पहुंचे लेकिन बात नहीं बनी. कार्य सलाहकार समिति की बैठक में 18 सितंबर तक का कामकाज तय हुआ था. 18 सितंबर को तीन विधेयकों के अलावा सरकार के अतिरिक्त खर्चों के लिए सप्लीमेंट्री डिमांड्स को पारित करवाना था. संसदीय मामलों के जानकारों के मुताबिक आगे सदन की बैठक बुलनाना अब स्पीकर पर निर्भर है. स्पीकर चाहें तो बैठक बुलाई जा सकती है. लेकिन इसके लिए विधानसभा सचिवालय से बुलेटिन जारी करना होगा.
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