Rajasthan: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का दावा- 2023 में हमारे हाथ होगी सत्ता की डोर

राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर भी तंज कसा है.
राजस्थान के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने कहा है कि 2023 में सत्ता की डोर हमारे हाथ होगी. वहीं कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के लोगों में बड़ी भारी निराशा है, क्योंकि जनता देशभर में इनकी पतंग काटती जा रही है.
- भाषा
- Last Updated: January 15, 2021, 10:45 PM IST
जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने गुरुवार को कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद राजस्थान में सत्ता की डोर भाजपा (BJP) के हाथ में होगी. मकर संक्रांति के मौके पर अपने घर पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'ऐसा ही होगा, मेरा मिशन है कि भाजपा न केवल सत्ता में आए बल्कि राजस्थान में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की धारणा भी टूटे. राज्य में भाजपा अजेय और अभेद्य बने, यह मेरा मिशन है. ’
इसके अलावा राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर कहा कि खुद कांग्रेस (Congress) के लोगों में बड़ी भारी निराशा है, क्योंकि जनता देशभर में इनकी पतंग काटती जा रही है. पूनिया ने आरोप लगाया कि 50 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस ने किसानों और जवानों के लिए कुछ किया नहीं और आज भी वह किसानों को गुमराह करने का षड्यंत्र रच रही है, जिसमें वह कभी सफल नहीं होगी.
सचिन बनाम गहलोतउल्लेखनीय है कि गत वर्ष हुये सियासी घमासान के बाद कांग्रेस साफ तौर पर सीएम अशोक गहलोत और पायलट गुट में बंट गई थी. इस सियासी घमासान के करीब 9 माह बाद बनी प्रदेश कार्यकारिणी में पायलट अपने समर्थकों को अच्छे पद दिलवाने में सफल रहे हैं. वहीं, अब राजनीतिक नियुक्तियों पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई हैं. सचिन पायलट ने कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास केवल 21 विधायक रह गए थे. ऐसे में जो कार्यकर्ता पार्टी को सत्ता में लेकर आए हैं, उनको अब सम्मानित करने का समय है. पायलट ने प्रदेश कांग्रेस की छोटी टीम पर पूछे गए सवाल पर कहा कि अजय माकन और डोटासरा ने छोटी, लेकिन एक संतुलित टीम बनाई है.
हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत न मंत्रिमंडल में और न ही राजनीतिक नियुक्तियों में पायलट खेमे को तरजीह देने को तैयार हैं. कांग्रेस की सियासत पर नजर रखने वाले राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि इसी टकराव के चलते राजनतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार को किसी ने किसी बहाने टाला जा रहा है. हालांकि कांग्रेस ने इस बीच पीसीसी की नई टीम बना दी. उसमें पायलट समर्थकों को भी जगह दी गई.
इसके अलावा राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर कहा कि खुद कांग्रेस (Congress) के लोगों में बड़ी भारी निराशा है, क्योंकि जनता देशभर में इनकी पतंग काटती जा रही है. पूनिया ने आरोप लगाया कि 50 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस ने किसानों और जवानों के लिए कुछ किया नहीं और आज भी वह किसानों को गुमराह करने का षड्यंत्र रच रही है, जिसमें वह कभी सफल नहीं होगी.
सचिन बनाम गहलोतउल्लेखनीय है कि गत वर्ष हुये सियासी घमासान के बाद कांग्रेस साफ तौर पर सीएम अशोक गहलोत और पायलट गुट में बंट गई थी. इस सियासी घमासान के करीब 9 माह बाद बनी प्रदेश कार्यकारिणी में पायलट अपने समर्थकों को अच्छे पद दिलवाने में सफल रहे हैं. वहीं, अब राजनीतिक नियुक्तियों पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई हैं. सचिन पायलट ने कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास केवल 21 विधायक रह गए थे. ऐसे में जो कार्यकर्ता पार्टी को सत्ता में लेकर आए हैं, उनको अब सम्मानित करने का समय है. पायलट ने प्रदेश कांग्रेस की छोटी टीम पर पूछे गए सवाल पर कहा कि अजय माकन और डोटासरा ने छोटी, लेकिन एक संतुलित टीम बनाई है.
हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत न मंत्रिमंडल में और न ही राजनीतिक नियुक्तियों में पायलट खेमे को तरजीह देने को तैयार हैं. कांग्रेस की सियासत पर नजर रखने वाले राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि इसी टकराव के चलते राजनतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार को किसी ने किसी बहाने टाला जा रहा है. हालांकि कांग्रेस ने इस बीच पीसीसी की नई टीम बना दी. उसमें पायलट समर्थकों को भी जगह दी गई.