चुनाव आयोग ने आज से लागू की लोकसभा चुनाव की आचार संहिता, जानें कौन हैं मुख्य चुनाव आयुक्त?
चुनाव आयोग ने आज से लागू की लोकसभा चुनाव की आचार संहिता, जानें कौन हैं मुख्य चुनाव आयुक्त?
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील आरोड़ा.
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर देशभर की नजर टीकी रही. यहां पढ़ें, कौन हैं मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा?
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव आयोग ने रविवार से देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 'देशभर में आज से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी और किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी'. उन्होंने कहा कि लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर नजर रखी जाएगी और समय-सीमा के अंदर की उसके इस्तेमाल की इजाजत होगी. सुनील अरोड़ा ने कहा कि 1950 पर फोन कर और SMS के जरिए वोटिर अपना नाम वोटिंग लिस्ट में चेक कर सकते हैं. चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर देशभर की नजर टीकी रही. यहां पढ़ें, कौन हैं मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा?
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत 1 दिसंबर 2018 को रिटायर हो गए और उनकी जगह सुनील अरोड़ा को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया. भारतीय प्रशासनिक सेवा में अस्सी के बैच के ये रिटायर्ड अधिकारी इससे पहले कई अहम विभागों जैसे वित्त, टैक्सटाइल और योजना आयोग के लिए भी काम कर चुके हैं. सुनील अरोड़ा इससे पहले भी त्वरित फैसला लेने और मजबूत इरादों की वजह से चर्चाओं में रहते आए हैं. जानें, इस मुख्य निर्वाचन आयुक्त की जिंदगी से जुड़े कुछ अहम पहलू.
सुनील अरोड़ा का जन्म 13 अप्रैल 1956 को पंजाब के होशियारपुर में हुआ था. शुरुआती शिक्षा होशियारपुर के विद्या मंदिर स्कूल और दयानंद मॉडल स्कूल से हुई, जिसके बाद डीएवी और वहां से डीएवी कॉलेज होशियापुर से सुनील ने ग्रेजुएशन की. इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी से एमए करने के बाद सुनील यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी पढ़ाने लगे.
1980 में राजस्थान कैडर से आईएएस सुनील का पारिवारिक माहौल पढ़ाई-लिखाई से ही संबंधित रहा. उनके पिता इंडियन रेलवे में काम करते, जबकि मां होशियारपुर के ही डीएवी कॉलेज में पढ़ाती थीं. इसका असर बच्चों पर भी पड़ा. सुनील के अलावा दोनों भाई भी महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर हैं.
सुनील अरोड़ा के पास सरकारी कामकाज का लंबा अनुभव है. आईएएस की नौकरी के दौरान राजस्थान के धौलपुर, अलवर, नागौर और जोधपुर जैसे जिलों में तैनात रह चुके अरोड़ा 1993-1998 के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव पद पर थे. इसके अलावा 2005 से 2008 तक वे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे.
गहरी प्रशासनिक समझ रखने वाले इस अधिकारी को समय-समय पर महत्वपूर्ण पद मिलते रहे. सुनील ने राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क, उद्योग एवं निवेश विभागों में भी अपनी सेवाएं दी हैं. उन्होंने नागरिक विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. वह पांच साल तक इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं.
सुनील अरोड़ा यूं तो अप्रैल 2016 में रिटायर हो गए थे, लेकिन उनकी दूरदर्शिता और चुनावी मामलों पर पकड़ को देखते हुए उन्हें पोस्ट-रिटायरमेंट भी लगातार जोड़ा रखा गया. 60 पार का ये अफसर अब बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त आगामी बेहद अहम चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है.