SHO suicide case: CBI ने की सीएम के ओएसडी से पूछताछ, बदल चुके हैं जांच समीकरण, पढ़ें क्या है वजह

प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच एसएचओ सुसाइड केस में सीबीआई की जांच से कई नये समीकरण बनने लगे हैं और राजनीति में नये मोड़ आ गए हैं.
प्रदेश के बहुचर्चित चूरू के राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई सुसाइड केस में सीबीआई ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी से एक घंटे पूछताछ की.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: July 21, 2020, 1:47 PM IST
जयपुर. प्रदेश के बहुचर्चित चूरू के राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई सुसाइड केस (SHO Vishnudatta Vishnoi suicide case) में सीबीआई ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी से एक घंटे पूछताछ की. सीबीआई (CBI) ने ओएसडी देवाराम से पूछा कि सादुलपुर से कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया ने एसएचओ विष्णुदत्त की क्या शिकायत की थी और सीएमओ ने इस पूरे मामले में क्या किया. देवाराम ने पूछताछ के बारे में मीडिया को कुछ भी बताने से इंकार किया है.
कई नये समीकरण बनने लगे हैं
प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच एसएचओ सुसाइड केस में सीबीआई की जांच से कई नये समीकरण बनने लगे हैं और राजनीति में नये मोड़ आ गए हैं. दरअसल हाल ही में राजस्थान सरकार ने सीबीआई की जांच पर ही रोक लगा दी है. इसके पीछे कई राजनीतिक समीकरण बताये जा रहे हैं. अब राजस्थान सरकार की सहमति के बिना न तो सीबीआई किसी नए मामले में जांच कर पाएगी और ना ही पुराने मामले में यानी अब तक चल रही जांच में आगे की पड़ताल कर सकेगी. राज्य सरकार ने ये फैसला उस वक्त किया जब सीबीआई की टीम सोमवार को विश्नोई सुसाइड केस में कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के घर पहुंची.
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सीबीआई की टीम जब विधायक पूनिया के जयपुर के जालूपुरा स्थित सरकारी आवास पर पहुची तो वह बंद मिला. इस पर सीबीआई की टीम पूनिया के दूसरे आवास पर गई. लेकिन कृष्णा पूनिया जयपुर के फेयरमाउंट होटल में विधायकों की बाड़़ेबंदी में थी. सीबीआई की जांच का फंदा पूनिया के गले तक पहुंच ही रहा था कि राजस्थान सरकार ने आनन फानन में सीबीआई की जांच पर ही रोक लगा दी. राजस्थान सरकार को डर ये था कि कहीं सीबीआई की टीम कृष्णा पूनिया की तलाश में होटल फेयरमाउंट न पहुंच जाए.
ये सवाल हो सकते थे खड़े
ऐसा होने पर वही स्थिति हो सकती थी जो मानेसर में सचिन पायलट कैंप के विधायकों की तलाश में गई एसओजी की टीम के साथ हुई। एसओजी की टीम जब मानेसर पहुंची थी तब हरियाणा पुलिस ने उनको रोक लिया और उन्हें होटल नहीं जाने दिया था. बाद इजाजत मिली तो विधायक नहीं मिले. ऐसे हालात में
अगर सीबीआई को जांच से रोका जाता तो गहलोत सरकार के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती थी. मुद्दा यह सामने आता कि सीबीआई को जांच नहीं करने दी जा रही है. उसके बाद एसओजी की जांच पर भी सवाल खड़े होते.
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बढ़ सकती थी मुश्किलें
उल्लेखनीय है कि चूरू के राजगढ़ के थानाधिकारी विष्णुदत्त सुसाइड केस की सीबीआई जांच की सिफारिश खुद गहलोत सरकार ने ही की थी. विश्नोई समुदाय के दबाब के बाद विष्णुदत्त सुसाइड केस में विधायक कृष्णा पूनिया पर भी प्रताड़ित करने के आरोप लगे थे. बीजेपी और विश्नोई समुदाय ने इस मसले को लेकर पूनिया के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. कृष्णा पूनिया चूरू के राजगढ़ से विधायक है. अब अगर विधायकों के बहुमत के संकट से जूझ रहे गहलोत के सामने पूनिया से सीबीआई किसी तरह की पूछताछ करती तो मुश्किल खड़ी हो सकती थी.
कई नये समीकरण बनने लगे हैं
प्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम के बीच एसएचओ सुसाइड केस में सीबीआई की जांच से कई नये समीकरण बनने लगे हैं और राजनीति में नये मोड़ आ गए हैं. दरअसल हाल ही में राजस्थान सरकार ने सीबीआई की जांच पर ही रोक लगा दी है. इसके पीछे कई राजनीतिक समीकरण बताये जा रहे हैं. अब राजस्थान सरकार की सहमति के बिना न तो सीबीआई किसी नए मामले में जांच कर पाएगी और ना ही पुराने मामले में यानी अब तक चल रही जांच में आगे की पड़ताल कर सकेगी. राज्य सरकार ने ये फैसला उस वक्त किया जब सीबीआई की टीम सोमवार को विश्नोई सुसाइड केस में कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के घर पहुंची.
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ये सवाल हो सकते थे खड़े
ऐसा होने पर वही स्थिति हो सकती थी जो मानेसर में सचिन पायलट कैंप के विधायकों की तलाश में गई एसओजी की टीम के साथ हुई। एसओजी की टीम जब मानेसर पहुंची थी तब हरियाणा पुलिस ने उनको रोक लिया और उन्हें होटल नहीं जाने दिया था. बाद इजाजत मिली तो विधायक नहीं मिले. ऐसे हालात में
अगर सीबीआई को जांच से रोका जाता तो गहलोत सरकार के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती थी. मुद्दा यह सामने आता कि सीबीआई को जांच नहीं करने दी जा रही है. उसके बाद एसओजी की जांच पर भी सवाल खड़े होते.
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बढ़ सकती थी मुश्किलें
उल्लेखनीय है कि चूरू के राजगढ़ के थानाधिकारी विष्णुदत्त सुसाइड केस की सीबीआई जांच की सिफारिश खुद गहलोत सरकार ने ही की थी. विश्नोई समुदाय के दबाब के बाद विष्णुदत्त सुसाइड केस में विधायक कृष्णा पूनिया पर भी प्रताड़ित करने के आरोप लगे थे. बीजेपी और विश्नोई समुदाय ने इस मसले को लेकर पूनिया के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. कृष्णा पूनिया चूरू के राजगढ़ से विधायक है. अब अगर विधायकों के बहुमत के संकट से जूझ रहे गहलोत के सामने पूनिया से सीबीआई किसी तरह की पूछताछ करती तो मुश्किल खड़ी हो सकती थी.