राज्य की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) 'राज' की एक और योजना का नाम और स्वरूप बदल दिया है. उसके बाद कांग्रेस और बीजेपी (Congress and BJP) में एक बार फिर बयानबाजी दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस सरकार ने बीजेपी राज की 'अन्नपूर्णा रसोई योजना' का नाम बदलकर अब उसे 'इंदिरा रसोई योजना' के नाम से बदले स्वरूप में चलाने का फैसला किया है. अन्नपूर्णा रसोई योजना का नाम बदलने को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.
के कार्यकाल में शहरों में जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू की गई थी. अन्नपूर्णा वैन के जरिए जरूरतमंदों को आठ रुपए में भोजन उपलब्ध करवाया जाता था. प्रदेश के 200 शहरों में
शुरू की गई थी. इस योजना का काम एनजीओ को दिया गया था. अब अन्नपूर्णा रसोई की जगह कांग्रेस सरकार इंदिरा रसोई योजना शुरू करने जा रही है.
अब शहरों में गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा रसोई योजना शुरू करने की घोषणा की है. योजना के तहत जरुरतमंदों को सस्ती दर दो समय का भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा. सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को कोरोना जागरुकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग के मौके पर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के लिए इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की घोषणा की. राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रूपये खर्च करेगी. योजना के संचालन में स्थानीय एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. आईटी की सहायता से इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी.
तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता के समय अम्मा रसोई योजना शुरू की गई थी. यह योजना कई साल से तमिलनाडु में सफलतापूर्वक चल रही है. तमिलनाडु में अम्मा रसोई योजना के तहत पूरे प्रदेश में जरूरतमंदरों को सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है. इस योजना की तमिलनाडु में लोकप्रियता को देखते हुए कई राज्यों ने इसके मॉडल का अध्ययन किया. राजस्थान सरकार ने भी अम्मा रसोई मॉडल का अध्ययन करवाया था.
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FIRST PUBLISHED : June 23, 2020, 10:02 IST