हो चुका है. मंत्रिमंडल शपथ ले चुका है, लेकिन अभी तक पोर्टफोलियों के बंटवारे पर असमंजस बरकरार है. पहले टिकटों के लिए, फिर सीएम के लिए, उसके बाद मंत्रिमंडल के लिए और अब पोर्टफोलियों के आवंटन के लिए भी राज्य सरकार दिल्ली का मुंह ताक रही है. वहीं मंत्रिमंडल से बाहर रहे दिग्गज नेताओं की नाराजगी के चर्चे भी हैं.
पांच साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल का गठन आज सभी अखबारों में छाया हुआ है. प्रदेश के सभी प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों ने इसी मुद्दे पर फोकस रखा है.
ने 'सरकार राजस्थान की...निर्माता-निर्देशक दिल्ली' शीर्षक से प्रकाशित अपने लीड समाचार में सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. समाचार-पत्र का मत है कि आखिर सरकार दिल्ली दरबार में क्यों हैं, क्या सरकार को हर बात के लिए दिल्ली की ओर देखना पड़ेगा ?
ने गहलोत कैबिनेट का स्वागत करते हुए इसे नई ऊर्जा बताया है. पत्रिका ने सरकार से आमजन की अपेक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा है कि लोगों को सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं. सुविधाओं और संसाधनों को ध्यान में रखकर काम करना बड़ी चुनौती होगी. समाचार पत्र ने मंत्रिमंडल का पूरा विस्तृत परिचय भी पाठकों के सामने रखा है.
ने भी गहलोत कैबिनेट के गठन को प्राथमिकता दी है. अपने विस्तृत कवरेज में समाचार-पत्र ने कैबिनेट के अंदरुनी कहानी पर भी प्रकाश डाला है. समाचार-पत्र ने मंत्रिमंडल में 13 मंत्रियों के सीएम अशोक गहलोत खेमे से और पांच का डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमे से होने की ओर भी इशारा किया है.
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FIRST PUBLISHED : December 25, 2018, 09:25 IST