Rajasthan News: उपभोक्ता अब बिजली चोरी के विवाद के खिलाफ कर सकेगा अपील, जानिये क्या रहेगी पूरी प्रक्रिया

राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर उसका निस्तारण करेगी. (सांकेतिक तस्वीर)
बिजली चोरी (Power theft) के बढ़ते विवादों को निपटाने के लिये विद्युत निगम ने नई पहल की है. इसके लिये इसके लिये अब राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियों (Revenue assessment revision committees) का गठन किया गया है.
- News18 Rajasthan
- Last Updated: January 28, 2021, 8:06 AM IST
जयपुर. बिजली चोरी (Power theft) पर प्रभावी अकुंश लगाने और वीसीआर (VCR) के झगड़ों को निपटाने के लिए विद्युत निगम ने बड़ा और अहम कदम उठाया है. बिजली चोरी के मामले में डिस्कॉम (DISCOM) की ओर से संबंधित उपभोक्ता के खिलाफ भरी जाने वाली वीसीआर के मामले में अब वह 10 फीसदी सिविल लायबिलिटी के जरिये अपील (Appeal) कर सकेगा. इस अपील में अपनी बात रख सकेगा. उपभोक्ता की अपील पर 30 दिन के भीतर उसका निस्तारण कर दिया जायेगा. इस बारे में पूर्व में जारी सभी आदेशों और निर्देशों को निरस्त करते डिस्कॉम नए आदेश जारी कर दिये हैं.
ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी.कल्ला ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग कि समीक्षा बैठक में वीसीआर की शिकायतों पर कार्रवाई और सर्तकता जांच प्रकरणों के निस्तारण की प्रक्रिया के संबंध में दिए गए निर्देशों की पालना में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत विद्युत चोरी करने वाला उपभोक्ता डिस्कॉम की ओर से दिये गये नोटिस में वर्णित विद्युत चोरी या सिविल लाइबिलिटी की राशि से यदि सहमत नहीं होता है और उसके खिलाफ अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकेगा. इसके लिये अब राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियों का गठन किया गया है.
अपील करने की ये रहेगी प्रकिया
डॉ. कल्ला ने बताया कि ऐसे उपभोक्ता अथवा गैर उपभोक्ता जो विद्युत चोरी के मामलों में निर्धारित की गई राशि से सहमत नहीं है तो वे नोटिस जारी होने की तारीख से 30 दिन के भीतर राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति के अध्यक्ष के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं. इसके लिए उनको संबंधित सहायक अभियंता कार्यालय में सिविल लाइबिलिटी राशि का 10 प्रतिशत अथवा 5 लाख रुपये जो भी कम हो को निर्धारित आवेदन शुल्क के साथ जमा करवाना होगा. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में आवेदन करने के सात दिन के अंदर सहायक अभियंता प्रकरण को पूरे विवरण के साथ संबंधित समिति में भेजेगा. समिति आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर उसका निस्तारण करेगी.ये होंगी राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियां
1. वृत स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति 5 लाख रुपये तक के सिविल लाइबिलिटी के प्रकरणों की सुनवाई करेगी.
2. संभाग स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति सिविल लाइबिलिटी के 5 लाख से अधिक और 20 लाख रुपये तक के प्रकरणों की सुनवाई करेगी.
3. निगम स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति सिविल लाइबिलिटी के 20 लाख रुपये से अधिक राशि के प्रकरणों की सुनवाई करेगी.
ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी.कल्ला ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग कि समीक्षा बैठक में वीसीआर की शिकायतों पर कार्रवाई और सर्तकता जांच प्रकरणों के निस्तारण की प्रक्रिया के संबंध में दिए गए निर्देशों की पालना में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत विद्युत चोरी करने वाला उपभोक्ता डिस्कॉम की ओर से दिये गये नोटिस में वर्णित विद्युत चोरी या सिविल लाइबिलिटी की राशि से यदि सहमत नहीं होता है और उसके खिलाफ अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकेगा. इसके लिये अब राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियों का गठन किया गया है.
अपील करने की ये रहेगी प्रकिया
डॉ. कल्ला ने बताया कि ऐसे उपभोक्ता अथवा गैर उपभोक्ता जो विद्युत चोरी के मामलों में निर्धारित की गई राशि से सहमत नहीं है तो वे नोटिस जारी होने की तारीख से 30 दिन के भीतर राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति के अध्यक्ष के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं. इसके लिए उनको संबंधित सहायक अभियंता कार्यालय में सिविल लाइबिलिटी राशि का 10 प्रतिशत अथवा 5 लाख रुपये जो भी कम हो को निर्धारित आवेदन शुल्क के साथ जमा करवाना होगा. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति में आवेदन करने के सात दिन के अंदर सहायक अभियंता प्रकरण को पूरे विवरण के साथ संबंधित समिति में भेजेगा. समिति आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर उसका निस्तारण करेगी.ये होंगी राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समितियां
1. वृत स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति 5 लाख रुपये तक के सिविल लाइबिलिटी के प्रकरणों की सुनवाई करेगी.
2. संभाग स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति सिविल लाइबिलिटी के 5 लाख से अधिक और 20 लाख रुपये तक के प्रकरणों की सुनवाई करेगी.
3. निगम स्तरीय राजस्व निर्धारण पुनरीक्षण समिति सिविल लाइबिलिटी के 20 लाख रुपये से अधिक राशि के प्रकरणों की सुनवाई करेगी.