कोराना संकट काल (COVID-19) में देशभर में लागू लॉकडाउन (Lockdown) में मदद के कई किस्से सुनने को मिल रहे हैं. लेकिन इनमें एक किस्सा ऐसा भी है जिसमें एक फोन कॉल पर जयपुर में बैठे एक अधिकारी ने भारत-पाकिस्तान बोर्डर (India-Pakistan boarder) पर बसे एक गांव में मदद पहुंचाई. मदद भी ऐसी जो मिसाल बन गई. राजधानी जयपुर में परिवहन मुख्यालय में पदस्थापित उपायुक्त महेन्द्र प्रताप सिंह भाटी ने एक फोन पर बाड़मेर जिले के गडरारोड़ तहसील की एक छोटी सी ढ़ाणी में फंसी कैंसर पीड़िता को न केवल जोधपुर एम्स पहुंचाने की व्यवस्था की, बल्कि अपने स्तर पर एम्स प्रबंधन से बात करके उन्हें प्रोटोकॉल से परे जाकर महिला का इलाज करने के लिए राजी भी किया.
के पास तीन दिन पहले 12 अप्रेल को एक अनजान फोन आया. फोन के दूसरी ओर से एक व्यक्ति ने बताया उसकी पत्नी को
है. बायोप्सी लॉकडाउन से पहले करवाई थी, लेकिन रिपोर्ट आज आई है. डॉक्टर्स का कहना है कि जल्द ही सर्जरी या कीमो थैरेपी करवानी पड़ेगी वरना कैंसर तेजी से फैलेगा. जोधपुर जाकर इलाज करवाना है, लेकिन लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में क्या करें और कैसे जाएं ? आप मदद कीजिए.
इस पर भाटी ने इस अनजान व्यक्ति को मदद का भरोसा दिलाया. उसके बाद उन्होंने अपने स्तर पर जोधपुर एम्स के मुख्य प्रशासक एनआर विश्नोई और डिप्टी सुप्रीडेंट डॉ. नवीन दत्त से बात करके उन्हें महिला के इलाज के लिए राजी किया. क्योंकि कोविड-19 के चलते एम्स में सिर्फ आपातकालीन केस लेने का ही प्रोटोकॉल है. लेकिन मानवता के नाते एम्स प्रबंधन इलाज के लिए तैयार हो गया. उसके बाद महेन्द्र सिंह भाटी ने एसडीएम शिव प्रताप सिंह की मदद से तहसीलदार के माध्यम से महिला, उसके परिजन, वाहन और वाहन चालक का पास बनवाया.
मंगलवार को बाड़मेर डीटीओ ने ढ़ाणी में महिला के घर वाहन भिजवाया और उसे जोधपुर पहुंचाया. जोधपुर एम्स में भाटी के कहने पर पहले से ही आरटीओ इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ मौजूद थे. उन्होंने फटाफट अस्पताल की सारी औपचारिकताएं पूरी करके महिला का इलाज शुरू करवाया. एम्स के 4 डॉक्टर्स के बोर्ड ने महिला की कीमो थैरिपी की. बोर्ड ने संतोष जताया कि महिला का इलाज समय से शुरू हो गया. वरना बहुत देर हो सकती थी.
जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से बाड़मेर जिले के मूल निवासी आरएएस अधिकारी महेन्द्र सिंह भाटी ने अपना नंबर फेसबुक पर डाल दिया है. वहीं अपील की है कि लॉकडाउन में अगर किसी को कोई भी मदद चाहिए तो वह उनसे संपर्क कर सकता है. फोन आने पर वे लोगों की यात्रा पास बनवाने, रहने खाने और अन्य तरह की मदद कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 15, 2020, 20:23 IST