देश और दुनिया इस समय कोरोना (COVID-19) की महामारी से जूझ रही है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हर वर्ग का ख्याल रखते हुए दिव्यागों के लिए भी स्पेशल पैकेज की घोषणा की है. केन्द्र सरकार ने कोरोना संकट काल के दौरान दिव्यागों को 1000 रुपए अतिरिक्त देने की घोषणा की है. लेकिन ये राहत पैकेज नियमों में उलझता हुआ नजर आ रहा है. इसका फायदा राज्य के दिव्यागों को अभी तक नहीं मिला है.
के दौर में केन्द्र सरकार दिव्यागों को 1000 रुपए अतिरिक्त देगी. लेकिन ये लाभ उन्हीं दिव्यागों को मिलेगा जो केन्द्र की दिव्यांग सूची में है. राजस्थान में 3 लाख दिव्यांग हैं जिन्हें ये लाभ नहीं मिल रहा है. केन्द्र सरकार के नियमों के मुताबिक 80 प्रतिशत दिव्यांगता वाले ही इस दायरे में आते हैं जिन्हें ये लाभ मिल सकता है. लेकिन प्रदेश के
अधिकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत गोयल का मानना है कि आपदा एक्ट में दिव्यागों को ये राशि मिलनी चाहिए. 80 प्रतिशत दिव्यांगता का नियम इस वक्त सब पर लागू नहीं करना चाहिए.
दरअसल केन्द्र सरकार की घोषणा के मुताबिक 500-500 रुपए की दो किश्त इन दो महीनों के दौरान दिव्यांगों को मिलनी है. लेकिन राज्य के 3 लाख दिव्यांग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. लिहाजा इन दिव्यांगों को सिर्फ राज्य की तरफ से ही लाभ मिल पा रहा है. ये दिव्यांग चाहते हैं कि कोरोना महामारी के दौर में केन्द्र की इस योजना का लाभ भी इन्हें भी मिलना चाहिए.
दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धारा-24 की उप-धारा 3ग के प्रावधानों के मुताबिक प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा और संघर्ष के दौर में सहायता का उल्लेख है. इसमें 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को सहायता प्रदान की जानी चाहिए. हेमंत गोयल पिछले कई बरसों से राजधानी जयपुर में राज्य के दिव्यांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गोयल ने इस बाबत कुछ सांसदों से भी बात की है.
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FIRST PUBLISHED : April 21, 2020, 18:39 IST