जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेश के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी चिकित्सकों को कोरोना रोगियों (Corona Patient) के उपचार के प्रति गंभीरता बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश चिकित्सा कर्मी समर्पित भाव से कोरोना उपचार में लगे हुए हैं. उपचार में लापरवाही की शिकायतों की जांच करवाकर लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. डॉ. शर्मा ने कहा कि पूरा समाज चिकित्साकर्मियों, नर्सिंग कर्मी, पैरामेडिकल स्टाफ की तारीफ कर रहा है और उन्हें कोरोना वॉरियर्स कहकर संबोधित कर रहा है. ऐसे में कुछ लोगों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी राजकीय या निजी चिकित्सालयों में कोरोना के सही उपचार की कमी महसूस होने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष के 0141-2225624 दूरभाष नंबर पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि शिकायतों के जल्द समाधान के लिए नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की गई है और अब रोज रिपोर्ट लिया जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि
निजी अस्पतालों द्वारा मनमानी वसूली को छूट नहीं दे सकते हैं. सरकार द्वारा तय की गई निर्धारित राशि के आधार पर ही निजी चिकित्सालयों को चिकित्सा सुविधाएं देनी होगी. ऐसा नहीं करने वाले निजी चिकित्सालयों के खिलाफ सरकार को मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार किसी के खिलाफ नहीं है, लेकिन सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी होगी. उन्होंने कहा कि किसी भी निजी चिकित्सालय को कोई परेशानी है तो वे सरकार तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि फीस सम्बन्धी मामलों पर चर्चा के लिए निजी अस्पतालों से बैठक भी की जा सकती है.
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कम्यूनिटी स्प्रेड का मामला अभी तक नहीं
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी कम्यूनिटी स्प्रेड का मामला देखने में नहीं आया है. प्रदेश में बाहर से आने वाले सुपर स्प्रेडर्स की वजह से भरतपुर और धौलपुर जैसे जिलों में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सुकून की बात यह भी है कि प्रदेश में पॉजिटिव से नेगेटिव होने की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. करीब 78 फीसद लोग रिकवर होकर अपने घर जा चुके हैं. कोरोना का प्रसार समुदाय में ना फैले इसके लिए लोगों को जागरूक करने के लिए 21 से 30 जून तक
जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जो कि आम आदमी का अभियान बनेग.
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डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य का आधारभूत ढांचा मजबूत है. वेंटिलेटर्स, आईसीयू, एन-95, थ्री लेयर मास्क और अन्य बचाव की सुविधाओं और संसाधनों की कहीं कोई कमी नहीं है. जांच के मामले में सरकार अन्य राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा आगे है. वतर्मान में 25000 से ज्यादा जांच प्रतिदिन करने के क्षमता राजस्थान विकसित कर चुका है. आने वाले दिनों में यह क्षमता 40000 तक पहुंच जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : June 23, 2020, 17:35 IST